कहीं मुश्किल में न पड़ जाएं

आप नेट यूजर हैं। अगर आपने अपना पर्सनल डाटा और पिक्चर इंटरनेट पर अपलोड किया है तो उसे सेक्योर कर लें। क्योंकि साइबर क्रिमिनल्स की नजर आपने पर्सनल डाटा व पिक्चर पर है। कहीं ऐसा न हो कि आपका बेहद पर्सनल चीजें उनके हाथ लग जाए और आप मुश्किलों में फंस जाएं।

-पर्सनल पिक्चर पर रहती है cyber criminals की नजर

-पिक्चर और वीडियो चोरी कर, नेट पर कर देते हैं upload

-साइबर सेल भी नहीं ट्रेस कर पाती इन शातिर हैकर्स को

Piyush.kumar@inext.co.in

ALLAHABAD: साइबर की दुनिया में आपको सावधान रहने की जरूरत है। जितनी ज्यादा यहां पर आपको सिक्योरिटी मिलती है, उतना ही डर उसके लीक होने का भी बना रहता है। अगर आपने अपना पर्सनल डाटा और पर्सनल पिक्चर स्नैप करके इंटरनेट पर सेव किया है तो उसे सिक्योर कर लें। क्योंकि साइबर क्रिमिनल्स आजकल ऐसे पिक्चर की तलाश में जुटे रहते हैं जिसमें कुछ मसाला मिल जाए। फिर उसके लिए वे हैकिंग से भी बाज नहीं आते। जरा सी देर हुई कि पूरी स्टोरी दुनिया में सबके सामने होगी।

दिग्गी अंकल से सीख लें

हम बात कर रहे हैं कि कांग्रेस लीडर दिग्विजय सिंह और टीवी एंकर अमृता राय की। अमृता की पर्सनल रिलेशन की क्लोज पिक्चर उनकी मेल पर पड़ी थी। सोशल साइट पर भी उन्होंने शेयर किया था। लेकिन उन्हें यकीन था कि इन पिक्चर पर किसी की नजर नहीं पड़ेगी। क्योंकि उन्हें सार्वजनिक कभी शेयर नहीं किया। फिर एक दिन अचानक उनकी लाइफ में भूचाल सा आ गया। पर्सनल पिक्चर दुनिया भर में सार्वजनिक हो गई। गूगल पर आ गई। बस गूगल पर एक क्लिक और उनकी सारी पिक्चर सबके सामने। बाद में अमृता राय ने इसे हैकिंग का मामला बताते हुए दिल्ली पुलिस से कंप्लेन किया।

पिक्चर और वीडियो पर नजर

साइबर क्रिमिनल्स का मोटो बस डाटा हैक करना होता है। सोशल साइट्स की मदद से यह पता लगाने में जुट जाते हैं कि किसने अपनी हॉट पिक्चर सेव की है। किसके पास कितने वीडियो हैं। कौन का पर्सनल पिक्चर है और कितनों ने बेडरूम का वीडियो शूट किया है.अगर कुछ मसाला साइबर क्रिमिनल्स को मिलता है तो उसे तुरंत हैक करके उसे नेट पर सार्वजनिक कर देते हैं। आजकल सोशल साइट्स की मदद से पल भर में पिक्चर और वीडियों करोड़ों लोगों तक शेयर हो जाता है।

बुरा हाल यहां भी

इलाहाबाद में भी साइबर क्राइम का बुरा हाल है। दो-तीन सालों में इलाहाबाद में आईटी एक्ट के 100 से ज्यादा मामले प्रकाश में आ चुके हैं। सिर्फ हाई प्रोफाइल मामलों में ही पुलिस ने केस रजिस्टर्ड किया था। जैसे मोती लाल नेहरू के एक प्रोफेसर का मेल हैक होने के बाद शिवकुटी में रिपोर्ट दर्ज हुई। कुछ इसी तरह सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में सीनियर एडवोकेट भरत जी अग्रवाल का मेल आईडी हैक होने के बाद रिपोर्ट दर्ज हुआ था। लेकिन इन हाई प्रोफाइल मामलों में भी साइबर सेल कोई क्लू सर्च नहीं कर सकी।

ग‌र्ल्स हमेशा रही हैं साफ्ट टारगेट

साइबर क्रिमिनल्स के लिए ग‌र्ल्स हमेशा ही साफ्ट टागरेट होती हैं। उनका फेसबुक एकाउंट या इमेल हैक होने का सबसे अधिक खतरा बना रहता है। इलाहाबाद में भी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी, ग‌र्ल्स इंटर कालेज और आईईआरटी की छात्राओं का फेसबुक प्रोफाइल हैक हो चुका है। लेकिन इस मामले में साइबर सेल ने रिपोर्ट दर्ज करने की जगह सिर्फ प्रोफाइल ब्लॉक कराकर मामला वहीं खत्म कर दिया। कई बार यह कंप्लेन भी आ चुकी है कि ग‌र्ल्स का प्रोफाइल हैक करके उसमें पोर्न वीडियो व पिक्चर अपलोड करके दूसरों को शेयर किया गया।

Online threat

Hacking-हैकिंग का मतलब किसी के एकाउंट से डॉटा चोरी करना है। या दूसरे अर्थ में यह कहें कि आपका पर्सनल मेल या सोशल साइट का दूसरे का कब्जा हो जाना।

Defamation-डेफमेशन का मतलब है निंदा या बदनामी। इंटरनेट की दुनिया में अगर कोई आपको सोशल साइट्स की मदद से आपकी बदनामी करता है तो वह भी साइबर क्राइम है।

Vishing-विशिंग का मतलब वायर ओवर से। मतलब अगर किसी ने आपकी आवाज की कॉपी करके अपना फायदा उठाता है, चाहे वो पर्सनल हो या ऑफिसियल, साइबर क्राइम होगा।

Doxing-अगर कोई आपका पर्सनल डाटा चोरी करके उसको सार्वजनिक कर देता है या पब्लिश्ड करता है तो वह साइबर क्राइम होगा।

Identity theft- अगर कोई पर्सनल आईडेंटिटी को चोरी करके उसका मिसयूज करता है तो वह भी साइबर क्राइम होगा।

Phishing- फिशिंग क्राइम का वह पार्ट है जिसमें कोई पीछे से छिप कर पासवर्ड या डाटा चोरी कर लेता है और उसका मिसयूज करता है। जैसे एटीएम के अंदर छिप कर किसी का एटीएम नंबर चोरी करके आन लाइन शॉपिंग कर लेना।

Cyber attack-जैसे कि नाम से ही आप समझ गए होंगे कि साइबर अटैक का मतलब है कि आपके कंप्यूटर को किसी नेटवर्क से जोड़कर उसका डाटा डिस्ट्राय करना।

Cyber Stalking- साइबर स्टॉकिंग का मतलब है कि डाटा हैक करके के लिए पीछा करना और फिर मौका मिलते ही डाटा चोरी कर लेना।

Keep it secure

-सबसे पहले अपना पासवर्ड को सिक्योर करें

-कम से कम आठ डिजिट का नंबर व लेटर लिखें

-गलती से भी मोबाइल नंबर को पासवर्ड न बनाएं

-इंटरनेट यूज करने दौरान अगर कोई पॉप-अप विंडो इमेल और पासवर्ड पूछता है तो गलती से भी उसे न बताएं

-कभी भी नेट बैकिंग आफिस या सार्वजनिक जगहों पर न करें

-फेसबुक या किसी भी सोशल साइट पर अननोन व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें

-हमेशा ही डिफरेंट पासवर्ड सभी एकाउंट के लिए रखें

-ऑन लाइन शॉपिंग हमेशा ही सिक्योर साइट्स पर करें

-गलती से भी अपने डेबिट और क्रेडिट कार्ड की डिटेल वेबसाइट पर न शेयर करें

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अगर कोई आपका डाटा हैक करता है या चोरी करता है तो स्थानीय पुलिस स्टेशन में जाकर रिपोर्ट दर्ज कराएं। आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत पुलिस कार्रवाई करेगी।

राहुल मिश्रा

साइबर एक्सपर्ट

पोर्न साइट्स पर कर देते हैं upload

जरा सी चूक हमेशा के लिए जख्म दे सकता है। आजकल कोई भी क्लीपिंग या पिक्चर मार्केट में लीक होती है तो पूरे शहर को पता चल जाता है। थोड़ी ही देर में वह दुनिया में सबके सामने होता है। इलाहाबाद की बात करें तो यहां पर कई पोर्न क्लीपिंग की बातें प्रकाश में आई और बाद में पता चला कि उसे इंटरनेट पर अपलोड कर दिया गया है। कोरांव में कुछ साल पहले एसओ ने एक पोर्न पिक्चर बनाने के लिए कैमरा पर्सनल को अरेस्ट किया था। बाद में पता चला कि उस वीडियो को इंटरनेट पर अपलोड किया जा चुका था। कुछ इसी तरह कई मामलों में इंटरनेट पर वीडियो और पिक्चर अपलोड करने का मामला प्रकाश में आ चुका है।