अब सामना अगली चुनौती का
अब अगली इससे सबसे बड़ी चुनौती तूफान के कारण हो रही भारी बारिश से निपटने की है. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, सोमवार को साइक्लोन से छत्तीसगढ़, बिहार, पूर्वी मध्य प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के कुछ इलाकों में भी भारी बारिश हो सकती है. सबसे तेज श्रेणी का चक्रवात दिन में करीब 11 बजे आंध्र के विशाखापट्टनम शहर से टकराया. करीब 195 किमी प्रति घंटे की तेज हवाओं ने सबसे ज्यादा यहीं पर नुकसान पहुंचाया. विशाखापट्टनम, श्रीकाकुलम, विजयनगरम और पूर्वी गोदावरी जिलों के करीब 320 गांवों में पेड़ उखड़ने, इमारतें गिरने से संचार और बिजली सेवाएं ठप हो गईं.

और तब कहीं जाकर घटती दिखी हुदहुद की रफ्तार
इसके करीब 6 घंटे बाद ही हुदहुद की रफ्तार घटकर 120 किमी प्रति घंटा रह गई. 170 से 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार की तेज हवाओं और भारी बारिश के कारण विशाखापत्तनम, विजियानगरम और श्रीकाकुलम जिलों में सामान्य जन जीवन काफी प्रभावित हुआ है. रविवार दोपहर से पहले विशाखापत्तनम में चक्रवातीय तूफान प्रवेश कर गया. इसके कारण तेज हवाओं और भारी बारिश के कारण पेड़ उखड़ गए, कच्चे मकानों की छतें उड़ गई. आंध्रप्रदेश से जहां करीब 2.5 लाख लोगों को निकाला गया है, वहीं ओडिशा के तटीय जिलों से भी करीब 1 लाख लोगों को सुरक्षित निकाला गया है.

बारिश को लेकर की भविष्यवाणी
दिल्ली में आईएमडी के महानिदेशक लक्ष्मण सिंह राठौर ने बताया कि पवर्तीय इलाका होने के कारण चक्रवात की तीव्रता छह घंटे में कम हो जायेगी और अगले 12 घंटे में और कम होगी. हालांकि क्षेत्र में अगले तीन दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश होगी. उन्होंने बताया कि तूफान के आगे बढ़ने के साथ छत्तीसगढ़, बिहार, पूर्वी मध्यप्रदेश और पूर्वी उत्तरप्रदेश तथा पश्चिम बंगाल के गंगा से लगे इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है. राठौर ने कहा, 'हम इन राज्यों के प्रधान सचिवों के सम्पर्क में हैं और बुलेटिन जारी कर रहे हैं. काटी गई फसलों को दूसरे स्थानों पर ले जाने के लिए चेतावनी जारी की गई है ताकि इन क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण पड़ने वाले प्रभाव को कम किया जा सके.' उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री कार्यालय चक्रवात के कारण उत्पन्न स्थिति पर नियमित अंतराल पर नजर रखे हुए है.' राहत एवं बचाव कार्य के लिए हेलीकाप्टर का इस्तेमाल सोमवार से ही किया जा सकेगा जब हवा की रफ्तार कम हो जाएगी.

कहां और किसने गंवाई जान
आंध्रप्रदेश के प्रधान सचिव आईवी आर कृष्ण राव ने कहा, 'हुदहुद के कारण तीन लोगों की मौत की खबर है. विशाखापत्तनम और श्रीकाकुलम जिले में क्रमश: दो लोगों की पेड़ गिरने से और एक की मकान की चारदीवारी गिरने से मौत हो गई.' विशेष राहत आयुक्त पी के महापात्र ने कहा कि ओडिशा में हुदहुद चक्रवात के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर दो हो गई. पुरी में समुद्र में लहरों के भंवर में फंसने से एक मछुआरे की मौत हो गई. शनिवार को केंद्रपाडा जिले में सतभाया क्षेत्र में एक लडकी की डूबने से मौत हो गई थी. केंद्रीय कैबिनेट सचिव अजीत कुमार सेठ ने कहा कि प्रधानमंत्री को केवल आंध्रप्रदेश एवं ओडिशा के बारे में ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी चिंता है जो इसके कारण भारी बारिश से प्रभावित हो सकते हैं.

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कहां- कहां, क्या-क्या हुआ प्रभावित  
विशाखापत्तनम और श्रीकाकुलम जिलों में बिजली के कुछ खंभे और पेड़ उखड़ गए. बारिश के चलते इन जगहों पर बिजली प्रणाली ठप होने की खबर है. एक अधिकारी ने बताया, 'दोनों जिलों में 170 से 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं.' अधिकारियों ने बताया कि दूरसंचार नेटवर्क भी ठप हो गया है जिससे विशाखापत्तनम स्थित नियंत्रण कक्ष काम नहीं कर पा रहा. आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार चक्रवात से 44 मंडलों के 320 गांवों के प्रभावित होने की आशंका है. अधिकारियों ने चार जिलों- श्रीकाकुलम, विजयानगरम, विशाखापत्तनम और पूर्वी गोदावरी से 90,013 लोगों को निकाला है. मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू यहां आंध्र प्रदेश सचिवालय से स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें फोन करके स्थिति की जानकारी ली और हर संभव मदद का आश्वासन दिया.

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300 से ज्यादा खोले गए हैं राहत शिविर
इससे पहले, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की विशेष आयुक्त के. हिमावती ने बताया कि पूर्वी गोदावरी को छोड़कर तीन जिलों- विशाखापत्तनम, विजयानगरम और श्रीकाकुलम में विद्युत प्रणाली पूरी तरह से ठप हो गई. यहां तेज हवाएं चलीं और स्थिति बहुत ही गंभीर बनी रही. क्षेत्र के राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद कर दिया गया. चार जिलों के खतरे वाले क्षेत्रों से हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. आंध्र प्रदेश सरकार ने चार जिलों के 356 गांवों और 59 मंडलों की खतरा संभावित क्षेत्र के रुप में पहचान की गई थी. 300 से अधिक राहत शिविर खोले गए हैं. चार जिलों में एनडीआरएफ की 19 टीमें (हर टीम में 45 से 50 सदस्य) तैनात की गई हैं. विशाखापत्तनम और श्रीकाकुलम जिलों में राहत एवं बचाव अभियान के लिए सेना की टुकड़ियां नौकाओं और अन्य तकनीकी व्यवस्था के साथ तैनात की गई हैं. विशाखात्तनम स्थित नौसैनिक ठिकाने में छह हेलिकॉप्टर तैनात किए गए हैं. भारतीय वायु सेना ने भीषण चक्रवात 'हुदहुद' के मद्देनजर राहत एवं बचाव अभियान के लिए प्रशिक्षण कमान मुख्यालय, बेंगलुरु को नोडल एजेंसी बनाया है. आंध्र प्रदेश में चक्रवात 'हुदहुद' के दस्तक देने के पहले दक्षिण ओडिशा के कई हिस्सों में भारी बारिश और तेज रफ्तार वाली हवाएं चलने के बीच सुरक्षा के दृष्टिकोण से संवदेनशील इलाके से 45,000 से ज्यादा लोगों को निकाल लिया गया. राहत एवं बचाव अभियान के लिए एनडीआरएफ व ओडीआरएएफ कर्मियों की तैनाती के साथ सेना की टीमें तथा हेलिकॉप्टर तैयार हैं.

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