खुले में नहीं करने देंगे शौच
मोदी सरकार देश में स्वच्छ भारत अभियान का काफी तेजी से प्रचार-प्रसार कर रही है। ऐसे में मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के एक छोटे से गांव नयाखेड़ा में साफ-सफाई को लेकर नई मुहिम शुरु हुई है। यह मुहिम किसी बड़े संगठन या एनजीओ ने नहीं बल्िक बच्चों के एक ग्रुप की पहल है। दरअसल गांव के 10 बच्चों ने मिलकर एक टोली बनाई है जिसका नाम डब्बा डोल गैंग रखा हुआ है। इन बच्चों ने ठाना है कि वे किसी को भी खुले में शौच नहीं करने देंगे।
पानी का लोटा गायब
गांव में स्वच्छता बनाए रखने के लिए डब्बा डोल गैंग के बच्चों ने नई तरकीब खोज निकाली है। ये बच्चे सुबह-सुबह पूरे गांव में सीटी बजाकर सबको बता देते हैं कि खुले में शौच नहीं करना है। फिर भी अगर कोई लोटा लेकर सड़क पार जाता दिखता है उसका पानी का लोटा या डब्बा छीन लेते हैं। इस गैंग का लीडर कक्षा 8 में पढ़ने वाला प्रदीप मेवाड़ा है। प्रदीप का कहना है कि उसे जब गंदगी से होने वाली बीमारियों के बारे में पता चला तब उसने गांव के बच्चों को इकठ्ठा करके नया गांव की साफ-सफाई का जिम्मा उठाया।
हो चुका है काफी विरोध
बच्चों के इस नायाब तरीके का गांववालों ने शुरुआत में काफी विरोध किया था। प्रदीप को काफी धमकाया भी गया लेकिन उसने आखिर तक हार नहीं मानी। और इस मुहिम को बरकरार रखने के लिए संघर्ष किया। धीरे-धीरे गांववालों को भी यह बात समझ आई और सभी डब्बा डोल गैंग के साथ खड़े हो गए। विश्व स्वास्थ संगठन (WHO) के अनुसार भारत में खुले में शौच करने वालों की संख्या किसी भी अन्य देश से कहीं ज़्यादा है। बांग्लादेश व पाकिस्तान जैसे कम विकसित देशों से भी स्वच्छता के मामले में हम पीछे हैं। निश्चित ही हमें ऐसी कई डब्बा डोल गैंग्स की ज़रूरत है।
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