डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Dainik Panchang 2 September 2021: गुरुवार 2 सितंबर को दशमी तिथि समाप्ति पूर्ण रात्रि तक तदोपरान्त एकादशी तिथि है। एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी हैं तथा द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान विष्णु जी हैं। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा करने से दीर्घायु की प्राप्ति होती है । गुरुवार को दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि ज्यादा आवश्यक हो तो घर से सरसों के दाने या जीरा खाकर निकले। एकादशी तिथि में चावल एवं सेम नहीं खाना चाहिए यह तिथि उपवास, धार्मिक कृत्य उद्यापन तथा कथा एकादशी में शुभ है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवं गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।
02 सितंबर 2021 दिन- गुरुवार का पंचाग
सूर्योदयः- प्रातः 05:43:00
सूर्यास्तः- सायं 06:17: 00
विशेष: गुरुवार के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा करने से दीर्घायु की प्राप्ति होती है ।
विक्रम संवतः- 2078
शक संवतः- 1943
आयनः- दक्षिणायन
ऋतुः- शरद ऋतु
मासः- भाद्र माह
पक्षः- कृष्ण पक्ष
तिथिः- एकादशी 06:24:05 तक तदोपरान्त द्वादशी तिथि
तिथि स्वामीः- एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी हैं तथा द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान विष्णु जी हैं।
नक्षत्रः- आर्द्रा 02:57:00 तक तदोपरान्त नक्षत्र
नक्षत्र स्वामीः- आर्द्रा नक्षत्र के स्वामी गुरु देव हैं तथा पुनर्वसु नक्षत्र के स्वामी बुध देव जी हैं।
योगः- सिद्धि 10:07:29 तक तदोपरान्त व्यतिपात
दिशाशूलः- गुरुवार को दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि ज्यादा आवश्यक हो तो घर से सरसों के दाने या जीरा खाकर निकले।
गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 09:09:00 A.M से 10:45:00 A.M बजे तक।
राहुकालः- राहुकाल 01:56:00 P.M से 03:31:00 P.M बजे तक।
तिथि का महत्वः- एकादशी तिथि में चावल एवं सेम नहीं खाना चाहिए यह तिथि उपवास, धार्मिक कृत्य उद्यापन तथा कथा एकादशी में शुभ है।
“हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”