- शहर की अपेक्षा गांवों में अधिक हैं बाल विवाह के मामले

PATNA : आई नेक्स्ट ने जब बाल विवाह के मामलों को लेकर पड़ताल की तो सामने आई मां-बाप की गरीबी और लालच। उन्हें कहीं लड़के वालों का पैसा दिखता है तो कहीं गरीबी के कारण जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते हैं। पड़ताल में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जो इस बात की पुष्टि करते हैं। जुबेनाइल कानून के कारण हम ऐसे मामलों में उन लड़कियों और उनसे जुड़ी पहचान नहीं दे पा रहे हैं फिर भी आपको बता रहे हैं कि लड़कियां कैसे कैसे बालिका वधू बन रही हैं।

केस एक -

- रिश्तेदारों ने कर दिया बाल विवाह

दीघा थाना क्षेत्र की एक मलिन बस्ती में गरीब परिवार में जन्मी एक क्फ् साल की बच्ची को बालिका वधू उसके रिश्तेदारों ने बना दिया। दो साल पूर्व मां-बाप की अचानक मौत से लड़की दो छोटे भाईयों के साथ अपने रिश्तेदार के घर रहने लगी। शुरू में सब ठीक रहा, लेकिन कुछ दिनों बाद रिश्तेदारों को वह बोझ लगने लगी और क्फ् साल की उम्र में ही उसकी शादी कर दी। वह भी अधिक उम्र वाले व्यक्ति से। मामले में न तो किसी ने शिकायत की और न ही पुलिस काम आई।

केस दो -

गरीबी बन रही थी बाधा

पाटलिपुत्रा क्षेत्र की एक लड़की का रिश्ता सिर्फ परिवार की गरीबी के कारण कम उम्र में कर दिया गया। पड़ोसियों का कहना है कि लड़की यही कोई क्ब् साल की रही होगी। बाप रिक्शा चलाता था और मां लोगों के घरों में काम करती थी। बेटी उन्हें बोझ लगी और गुपचुप तरीके से एक रात कुछ मेहमानों को बुलाया और लड़के के हाथ में बेटी का हाथ थमा दिया। रातोंरात वह बालिका वधू बन गई। मोहल्ले वाले भी बहुत दिनों बाद जान पाए कि ऐसा हो गया।

केस तीन -

धन के लिए कर दिया कुर्बान

कदमकुआं क्षेत्र में एक वर्ष पूर्व बाल विवाह का ऐसा मामला सामने आया जिसमें लड़की वालों ने लड़के के धन पर बेटी को कुर्बान कर दिया। महज क्भ् साल की उम्र में ही उसे बालिका वधू बनाकर लड़के के साथ भेज दिया। पड़ोसियों का कहना है कि लड़की दिखने में काफी सुंदर थी लेकिन इसके बाद भी घर वाले गरीबी के कारण उसकी शादी को लेकर चिंता में रहते थे। इस बीच किसी लड़के वालों ने पैसा का जाल फेंक कर बाल विवाह कर लिया।

केस चार -

खेलने की उम्र में कर दिश रिश्ता पक्का

फतुहा क्षेत्र में एक लड़की का रिश्ता खेलने की उम्र में ही घरवालों ने कर दिया है। अब उसके हाथ पीले करने की तैयारी है। हर कोई जानता है कि बाल विवाह होने वाला है लेकिन कोई सामने नहीं आना चाहता है। सामान्य परिवार होने के बाद भी बाल विवाह की तैयारी को लेकर मोहल्ले वाले परेशान है। आई नेक्स्ट को एक पड़ोसी ने बताया कि लड़की अभी बहुत छोटी है। वह इस लायक नहीं है कि शादी के बाद की जिम्मेदारी उठा सके, लेकिन कौन सुनेगा।

- पुलिस का सूचना तंत्र कमजोर होना

पुलिस का सूचना तंत्र भी कमजोर पड़ता जा रहा है। बाल विवाह भी उसी में से एक है। क्योंकि पुलिस का सूचना तंत्र मजबूत रहता तो बाल विवाह की जानकारी उसे समय से लग जाती और वह लड़की की जिन्दगी तबाह होने से बचा सकती थी। पुलिस सूत्रों का कहना है कि पहले चौकीदार और अन्य सूचना तंत्र बनाए जाते थे लेकिन अब इसमें कमी आने से पुलिस का काम भी प्रभावित हो रहा है।