-केंद्रीय रक्षा मंत्री ने खिलाडि़यों को दी सीख, हर क्षेत्र में एकाग्रता से मिलेगी विजय

Meerut : तीरंदाजी में खिलाड़ी की एकाग्रता ही उसे विजेता बनाती है। अर्जुन जैसी मनोदशा धनुर्धरों को ओलंपिक तक पदक दिलाएगी। इस खेल से एकाग्रता का पाठ सीखकर उसे किसी भी क्षेत्र में आजमाया जा सकता है, जहां विजय सुनिश्चित है। केंद्रीय रक्षा मंत्री एवं मुख्य अतिथि मनोहर पर्रिकर ने कैलाश प्रकाश स्पो‌र्ट्स स्टेडियम में खिलाडि़यों को संबोधित करते हुए नई सीख दी।

रक्षा मंत्री ने कहा कि मेरठ में खेलकूद की संपन्न विरासत रही है, और सीनियर नेशनल चैंपियनशिप के जरिये वर्ष 2020 का ओलंपिक पदक जीतने पर फोकस करना होगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि तीरंदाजी, निशानेबाजी, कुश्ती एवं मुक्केबाजी में भारत के लिए ज्यादा संभावनाएं हैं। इससे पहले केंद्रीय लघु उद्योग मंत्री कलराज मिश्र ने कहा कि मेरठ खेलों का गढ़ है, जहां के उद्यमी अब रिकर्व धनुष भी बनाने का रुझान दिखा रहे हैं। उन्होंने माना कि तीरंदाजी खेल महंगा होने की वजह से स्पांसरशिप के बिना खिलाडि़यों का करियर दम तोड़ रहा है। कहा कि रक्षा मंत्री एक वैज्ञानिक भी हैं, जिनसे अपेक्षा है कि वह सेना को नई तकनीकों से लैस करने के साथ ही उन्हें तीरंदाजी में भी पारंगत कराएंगे।

हिन्दी को मोदी ने दिया सम्मान

प्रभात आश्रम के स्वामी विवेकानंद ने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने दुनियाभर में हिन्दी में भाषण देकर राष्ट्र का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने मनोहर पर्रिकर को मोदी जैसी ऊर्जा वाला व्यक्तित्व बताया। खिलाडि़यों से कहा कि यहां पर अभ्यास है, जीत हार तो हमेशा दूसरों की धरती पर होती है। इसी भावना ने खेलते हुए ओलंपिक पदक देश को दिलाने वाले को आश्रम विशेष रूप से सम्मानित करेगा।