नई दिल्ली (पीटीआई)। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देश में 3 मई तक लॉकडाउन लगा है। इस बीच पुलिस-प्रशासन लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की लगातार अपील कर रही। हालांकि जो इस नियम का उल्लंघन कर रहे, उन्हें सजा भी मिल रही। रविवार को लॉकडाउन के बीच जब एक बारात निकली तो पुलिस ने उन्हें सजा देने के बजाए सुरक्षा मुहैया कराई। इसकी बड़ी वजह है कि इस बारात में मात्र 4 लोग शामिल थे।

बारातियों को मिली सुरक्षा

पुलिस का कहना है, गांधी नगर में कुछ स्थानीय निवासी एसीपी सिद्घार्थ जैन के पास मदद मांगने आए थे। ये वर पक्ष के लोग थे, जिन्हें गांधी नगर से बारात ईस्ट दिल्ली उस्मानपुर ले जानी थी। इसके बाद एसीपी ने अपने सिपाहियों को बारात की सुरक्षा करने का आदेश दिया। चूंकि वर पक्ष ने परमीशन लेने के बाद बारात निकाली, इसलिए पूरी बारात के दौरान पुलिस वाले साथ दिखे। जब तक बारात अपने स्थान पर नहीं पहुंच गई, एक पुलिस टीम उनके साथ रही। इस बारात में सोशल डिस्टेंसिंग के सभी दिशा-निर्देशों का पालन किया गया। इसमें भारी भीड़ जमा नहीं हुई। बारात में सिर्फ 4 लोग शामिल हुए।

दो ड्राइवर के खिलाफ मामला दर्ज

एक तरफ दिल्ली में जहां पुलिस वालों ने बारात को सुरक्षा दी। वहीं उत्तर-पूर्वी दिल्ली में पुलिस ने दो ड्राइवर को बुक कर लिया। ये लॉकडाउन के आदेशों का उल्लंघन करते हुए अपने वाहनों में 65 प्रवासी मजदूरों को ले जा रहे थे। पुलिस के मुताबिक, अप्सरा बॉर्डर के पास वाहन चेकिंग के दौरान प्रवासी मजदूरों को ले जाते हुए दो डिलीवरी वैन मिलीं। पुलिस ने कहा कि वाहन पानीपत से आ रहे थे और प्रवासियों को बिहार और उत्तर प्रदेश ले जा रहे थे। डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (शाहदरा) डी के गुप्ता ने कहा कि दोनों ड्राइवरों- संदीप गुप्ता और अजब सिंह के खिलाफ एपिडेमिक्स एक्ट और आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और उनके वाहनों को जब्त कर लिया गया है।

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