-वाटर सैंपल रिपोर्ट में राजेंद्र नगर और बाजार समिति सबसे ज्यादा प्रभावित

- जांच टीम ने पाया जहां ज्यादा जलजमाव वहां पानी भी है संक्रमित

PATNA(10 Oct):

पटनाइट्स को डेंगू का डंक इतनी तेजी से लग रहा है कि हर दिन नए-नए मरीज आ रहे हैं। जलजमाव से पिछले दस दिनों से परेशान लोग अभी संभल भी नहीं पाए थे कि डेंगू ने उन्हें जकड़ लिया। अस्पतालों के वार्ड फुल हो चुके हैं। स्वास्थ्य केंद्रों और जांच केंद्रों में भीड़ कम नहीं हो रही है। सरकारी प्रयास भी नाकाफी साबित हो रहे हैं। गुरुवार की शाम तक बिहार में डेंगू के 1277 केसेज मिले जिसमें से अकेले पटना जिला में 849 केसेज की पुष्टि हुई है। पीएमसीएच में जांच और रेफर केस मिलाकर करीब 250 केसेज की जांच की गई। पीएमसीएच के माइक्रोबायलाजी डिपार्टमेंट में इस सीजन में कुल दो हजार से अधिक डेंगू केसेज की जांच हो चुकी है। इसमें रेफरल केसेज भी शामिल हैं। सरकार के द्वारा डेंगू नोटिफाइबल डिजीज घोषित होने के कारण यहां प्राइवेट हॉस्पिटलों के सैंपल भी यहां हर दिन भेजे जा रहे हैं। उधर जल जमाव के इलाकों में अब डेंगू के साथ ही पीने के पानी की समस्या भी उत्पन्न हो गई है। इसमें प्रमुख रुप से राजेंद्र नगर, बाजार समिति और बहादुरपुर के इलाके शामिल हैं। इसकी पुष्टि राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से भी की गई।

पानी की व्यवस्था राम भरोसे

जलजमाव से पीडि़त इलाके एक बार फिर से मुसीबत में हैं। पहले यहां जलजमाव से लोग पीडि़त होकर डेंगू का शिकार हो रहे थे, जो अब भी जारी है। अब इसके साथ पीने के पानी की समस्या हो गई है। करीब 30 प्रतिशत इलाकों में यह समस्या है। इसके बावजूद यहां पीने के पानी के लिए सरकार की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इसके कारण इन इलाकों से डायरिया और अन्य जल जनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ने की संभावना है। बीते तीन महीनों से डेंगू की जांच हो रही है। लेकिन पीएमसीएच में सर्वाधिक केसेज अकेले इन दस दिनों में मिले हैं।

पीएमसीएच कैंपस भी प्रभावित

पीएमसीएच के हॉस्टल और इसके कैंपस के इलाके में भी डेंगू के पॉजिटिव केसेज मिल रहे हैं। गुरुवार को पीएमसीएच के डेंगू एवं चिकनगुनिया कैंप में पीएमसीएच के स्टाफ ने बड़ी संख्या में पार्टिसिपेट किया। ऐसे पेशेंट को हाई फीवर और बॉडी पेन की शिकायत थी।

गलत जांच से भी मुसीबत

पीएमसीएच के माइक्रोबायलाजी डिपार्टमेंट के हेड डॉ सत्येन्द्र नारायण सिंह ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से बातचीत में बताया कि यह बात सामने आ रही है कि प्राइवेट हॉस्पिटल्स सस्ते जांच के चक्कर में सही जानकारी नहीं दे रहे। इसके कारण आने वाल समय में डेंगू शॉक सिंड्रोम का खतरा बढ़ सकता है। इस प्रकार के केसेज में डेंगू होने के बाद भी जांच में उसे डेंगू नहीं बताया जाता है। खराब किट के प्रयोग के कारण जब ऐसे पेशेंट सीरियस हो जाते हैं तो उन्हें पता चलता है। इससे वे मेंटल ट्रामा भी चले जाते हैं। इसलिए जांच में सावधानी बरतनी चाहिए।

कोट

पीएमसीएच डेंगू वार्ड में बुधवार की रात तक करीब 25 केसेज थे। वर्तमान में 16 केस का वार्ड में उपचार किया जा रहा है। सबसे अधिक केसेज पटना जिला से ही हैं।

- डॉ अभिजीत सिंह, इनचार्ज पीएमसीएच इमरजेंसी

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- डेंगू वाले प्रभावित इलाकों में लगभग 30 प्रतिशत इलाकों में पीने का पानी दूषित पाया गया है। इसके कारण जल जनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। इस सीजन में दो हजार से अधिक डेंगू के मामलों की जांच की गई है।

- डॉ सत्येन्द्र नारायण सिंह एचओडी, माइक्रोबायलाजी डिपार्टमेंट , पीएमसीएच

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बाक्स में

इन इलाकों से आ रहे सबसे ज्यादा केसेज

- राजेंद्र नगर, बाजार समिति, बहादुरपुर कॉलोनी, कंकडबाग, बुद्धा कॉलोनी, मछुआटोली ,नंदलाल छपरा, चिरैंयाटाड, पाटलिपुत्र कॉलोनी, पश्चिम दरवाजा, बोरिंग रोड, राजा बाजार, गोला रोड, रामकृष्णा नगर, भूपतिपुर, पोस्टल पार्क, पुनपुन, महेंद्रू आदि।

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