- सीएम, टिहरी सांसद, स्वास्थ्य सचिव, प्रभारी सचिव, डीएम ले चुके हैं दून हॉस्पिटल के हालातों का जायजा

- हॉस्पिटल की समस्याओं का नहीं हो रहा समाधान, 50 प्रतिशत कम स्टाफ के भरोसे है दून हॉस्पिटल

DEHRADUN: दून के सबसे बड़े हॉस्पिटल राजकीय दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहा हैं। बीते 20 अगस्त से सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, स्वास्थ्य सचिव नितेश कुमार झा, प्रभारी सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा डॉ। पंकज पांडेय, देहरादून के डीएम सी रविशंकर दून हॉस्पिटल के हालातों का जायजा ले चुके हैं, लेकिन दून हॉस्पिटल में समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। ऐसे में डेंगू के बढ़ते प्रकोप के बीच स्वास्थ्य सचिव नितेश कुमार झा ने सैटरडे को दून हॉस्पिटल का निरीक्षण कर व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिए। सचिव ने हॉस्पिटल में भर्ती डेंगू मरीजों का हाल जाना। इसके बाद उन्होंने हॉस्पिटल के ही सभागार में स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन व नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक की।

175 की जगह सिर्फ 89 स्टाफ नर्स

दून की लाइफ लाइन दून हॉस्पिटल में समस्याओं का समाधान करना सरकार से लेकर शासन तक के लिए बड़ा चैलेंज साबित हो रहा है। वीआईपी से लेकर आम आदमी का इलाज, आपदा से लेकर किसी भी प्रकार की मेडिकल जरुरत के लिए दून हॉस्पिटल पर ही सबसे ज्यादा हेल्थ सिस्टम निर्भर है, लेकिन दून हॉस्पिटल में स्टाफ की भारी कमी के कारण आए दिन समस्याएं खड़ी हो जाती हैं। सैटरडे को दून हॉस्पिटल पहुंचे स्वास्थ्य सचिव को हॉस्पिटल प्रबंधन ने स्टाफ की कमी अव्यवस्थाओं का बड़ा कारण बताया। दून हॉस्पिटल के एमएस डॉ। केके टम्टा ने बताया कि हॉस्पिटल में सबसे ज्यादा कमी स्टाफ नर्स और लैब टेक्निशियन की है, जिनकी वजह से काम प्रभावित होता है। दून हॉस्पिटल को 175 स्टाफ नर्स की आवश्यकता है, जबकि हॉस्पिटल में सिर्फ 89 स्टाफ नर्स कार्यरत हैं। इसके अलावा 25 लैब टेक्निशियन के भरोसे पूरा पैथोलॉजी डिपार्टमेंट है, जबकि 50 लैब टेक्निशियन की आवश्यकता है। ये तो सिर्फ स्टाफ की कमी है, इसके अलावा दून हॉस्पिटल की बूढ़ी मशीनें, बजट की कमी जैसी कई अन्य समस्याएं भी हैं।

सीएचसी रायपुर में भी होगा एलाइजा टेस्ट

सैटरडे को स्वास्थ्य सचिव नितेश कुमार झा ने दून हॉस्पिटल में स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन व नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने निर्देश दिए कि दून मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम, आशा कार्यकर्ता, एएनएम व एनएसएस के स्वयंसेवी घर-घर जाकर लोगों को डेंगू की बीमारी से बचाव के लिए अवेयर करेंगे। साथ ही डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छर का लार्वा खोजकर उसकी पहचान के बारे में स्थानीय लोगों को भी बताया जाएगा। स्वास्थ्य सचिव ने निर्देश दिए कि दून हॉस्पिटल के ब्लड बैंक में डिमांड के अनुरूप प्लेटलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए वरिष्ठ फिजीशियन केसी पंत को नोडल अधिकारी बनाया गया है। जो प्राइवेट हॉस्पिटल के अधीक्षक की संस्तुति का तकनीकी परीक्षण कर प्लेटलेट्स उपलब्ध कराएंगे। स्वास्थ्य सचिव नितेश कुमार झा ने सभी सरकारी अस्पतालों में जरूरत के अनुसार बेड बढ़ाने के निर्देश दिये हैं। राजकीय कोरोनेशन अस्पताल व सीएचसी रायपुर में भी जल्द ब्लड सैंपल की एलाइजा टेस्ट की सुविधा शुरू करने के निर्देश दिये गए हैं। सचिव ने डीएम को जल संस्थान को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति करने के लिए कहा। सचिव ने सख्त लहजे में कहा कि सरकारी विभागों के परिसर में डेंगू मच्छर का लार्वा मिलने पर संबंधित विभागों के मुखिया पर शिकंजा कसा जाएगा। स्वास्थ्य सचिव ने डीएम सी रविशंकर व नगर निगम के वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। कैलाश जोशी को निर्देश दिये कि जिन-जिन सरकारी महकमों के परिसर, भवन में कूलर, पानी की टंकी आदि जगहों पर मच्छर का लार्वा मिलता है उनके विभागाध्यक्ष का चालान कर अर्थदंड वसूला जाए।

स्टेट में हो चुका है डेंगू के 636 मरीजों का इलाज

स्वास्थ्य सचिव नितेश कुमार झा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि डेंगू को लेकर अनावश्यक भय का वातावरण बना हुआ है। उन्होंने बताया कि अब तक राज्य में डेंगू के 636 मरीजों का इलाज हो गया है। प्लेटलेट्स की उपलब्धता पर स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि दून हॉस्पिटल के ब्लड बैंक में प्रति दिन 100 यूनिट प्लेटलेट्स तैयार करने की क्षमता है। जो कि किसी भी डिमांड को पूरी कर सकता है।

दून हॉस्पिटल में सीएम से लेकर अफसरों के दौरे

- 20 अगस्त को सबसे पहले प्रभारी सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा डॉ। पंकज पांडेय ने दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की न्यू ओपीडी में कार्यो की गुणवत्ता को लेकर नाराजगी व्यक्त की। डॉ। पांडे ने नई ओपीडी व ओटी ब्लॉक का निरीक्षण किया। प्रभारी सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा डॉ। पंकज पांडेय ने यूपी निर्माण निगम के अधिकारियों को निर्माण कार्यो की गुणवत्ता का ख्याल रखने के निर्देश भी दिये।

- 21 अगस्त को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दून हॉस्पिटल में उत्तरकाशी के आपदा पीडि़तों से मिलकर उनका हाल चाल जाना। दून हॉस्पिटल में आपदा पीडि़त 11 मरीज भर्ती हुए थे। जिनमें से कुछ पीडि़तों के परिजनों ने खाना न मिलने और बाहर से दवा मंगाने का आरोप लगाया था। इस पर सीएम ने हॉस्पिटल प्रबंधन को किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए थे।

- 23 अगस्त को टिहरी लोकसभा सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह उत्तरकाशी के आपदा पीडि़तों से मिलने दून हॉस्पिटल आई थी, इस दौरान एक महिला ने टिहरी सांसद को बताया कि उसका दस वर्षीय बेटा बीमार है। एक दिन पहले उसको इलाज के लिए दून हॉस्पिटल लाया गया, लेकिन हॉस्पिटल में उसके बेटे को इलाज की सुविधा नहीं मिल रही है। यही नहीं उसको दूसरे हॉस्पिटल में ले जाने के लिए भी कहा जा रहा है। इसके अलावा गंदगी को लेकर भी सांसद ने नाराजगी जताई थी।

- 23 अगस्त को ही डेंगू के बढ़ते प्रकोप को लेकर डीएम सी रविशंकर ने दून हॉस्पिटल का निरीक्षण किया था। उन्होंने आइसोलेशन वार्ड को लेकर जरूरी दिशा-निर्देश दिए थे। दून हॉस्पिटल में 34 बेड होने के बावजूद अब 25 और बेड की व्यवस्था की जा रही है।

दून हॉस्पिटल में स्टाफ की कमी

पद कार्यरत आवश्यकता

कम्प्यूटर ऑपरेटर- 29 25

लैब टेक्निशियन- 25 25

स्टाफ नर्स 89 175

सिस्टर 38 22

एक्से रे टेक्निशियन 3 3

वार्ड ब्वॉय 74 126

डेंगू के आंकडे़-

सैटरडे को दून में नए केस- 10

दून में कुल केस- 541

अन्य जिलों से नए केस- 4

अन्य जिलों में कुल केस- 14

पूरे प्रदेश में कुल केस- 559

मेल- 364

फीमेल- 195