- मलेरिया विभाग में नहीं खर्च किया गया डेंगू का बजट

- डीएम ने पत्र लिखकर हेल्थ डिपार्टमेंट से मांगा स्पष्टीकरण

Meerut । डेंगू और चिकनगुनिया को लेकर पैदा हुए गंभीर हालातों में भी बजट न खर्च करना हेल्थ डिपार्टमेंट के लिए भारी पड़ सकता है। डीएम ने गंभीरता दिखाते हुए स्वास्थ्य विभाग से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है। वहीं डीएम के पत्र ने विभाग में हलचल पैदा कर दी है।

क्या है मामला

दरअसल, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी जानलेवा बीमारी से निपटने के लिए जिला मलेरिया विभाग को हर साल बजट जारी होता है। हर बार की तरह इस बार भी विभाग के खाते में आठ लाख रुपए का बजट आया था। ताज्जुब की बात यह है कि इस बार विभाग ने बजट से एक फूटी कौड़ी भी खर्च नहीं की। ऐसा तब है जब पूरा जिला डेंगू और चिकनगुनिया की महामारी से जूझ रहा था। यही नहीं विभाग बिना कुछ खर्च किए इस बजट को वापस भेजने की तैयारी में है।

खराब पड़े उपकरण

हैरानी की बात यह है कि जिन संसाधनों और उपकरणों के माध्यम से मलेरिया विभाग ने डेंगू पर विजय प्राप्त की, उनमें से अधिकांश कंडम पड़ी हुई हैं। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ। योगेश सारस्वत ने बताया कि मुख्यालय से बजट सेंक्शन न होने के कारण अधिकांश फॉगिंग मशीनों के पंप ठीक नहीं हो पाए। जबकि कई मशीन पूरी तरह से खराब पड़ी हैं। उन्होंने बताया कि पुरानी मशीनों के पंप सेट को इस्तेमाल कर किसी तरह से काम चलाया गया है।

डीएम ने लिखा पत्र

डीएम बी। चंद्रकला ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य विभाग को आड़े हाथों लिया है। डीएम ने विभाग को पत्र लिख कर बजट न खर्च करने का कारण पूछा है। वहीं डीएम के पत्र से स्वास्थ्य विभाग में हड़बड़ी की स्थिति है।

बीमारी में बजट न खर्च करना गंभीर मामला है। हेल्थ डिपार्टमेंट से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

-बी। चंद्रकला, डीएम