कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Dev Uthani Ekadashi 2021 : कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहते हैं। देवउठनी एकादाशी को देव प्रबोधिनी एकादशी और देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस साल देवउठनी एकादशी 15 नवंबर को मनाई जाएगी। दृक पंचांग के मुताबिक एकादशी तिथि 14 नवंबर को सुबह 05:48 बजे शुरू होगी और 15 नवंबर की सुबह 06:39 बजे समाप्त होगी। देवउठनी एकादाशी पर तुलसी विवाह का भी आयोजन होता है। इस दिन भगवान विष्णु को अति प्रिय तुलसी का विवाह शालिग्राम के साथ किया जाता है।

इतिहास

मान्यता है कि जिन लोगाें को कन्या नहीं होती है, वह जीवन में एक बार तुलसी का विवाह करके कन्या दान का पुण्य अवश्य प्राप्त कर सकते हैं। देवउठनी एकादशी पर चातुर्मास समाप्त होता और चार माह बाद शुभ और मांगलिक कार्यों का शुभारंभ होता है। वहीं इस दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु आंवले के पेड़ की भी पूजा करते हैं। शास्त्रों के अनुसार, भगवान विष्णु नींद से जागते हैं और देवउठनी एकादशी पर पूर्णिमा तक आंवला के पेड़ पर रहते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन देवउठनी एकादशी की कथा सुनने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है। वहीं एकादशी का व्रत सभी व्रतों में शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है।

महत्व

शास्त्रों के अनुसार साल में 24 एकादशी पड़ती है। हर माह में दो एकादशी यानी कि एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में होती है। एकादशी व्रत पापों से मुक्ति दिलाने के साथ सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करता है। एकादशी व्रत का वर्णन महाभारत की कथा में भी है। कहते हैं कि श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को एकादशी व्रत के महत्व के बारे में बताया था। इस पर युधिष्ठिर ने विधि पूर्वक एकादशी व्रत को पूर्ण किया था।