कानपुर। बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर महाराष्ट्र के सीएम बने हैं। शनिवार सुबह बीजेपी ने एनसीपी के साथ मिलकर सरकार गठन किया और आनन-फानन बीजेेपी नेता फडणवीस ने सीएम पद की शपथ ले ली। वहीं एनसीपी के बड़े नेता अजित पवार को उप मुख्यमंत्री का पद दिया गया है।


उद्घव ठाकरे का टूटा सपना

देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में लगातार दूसरी बार शपथ ली, जबकि राकांपा के अजीत पवार ने उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।यह कदम उस समय आया जब कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना के बीच विचार-विमर्श शुक्रवार को अंतिम चरण में पहुंच गया था। इससे पहले, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने दावा किया था कि गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे पर सहमति थी। मगर बीजेपी ने शनिवार को सबको चौंका दिया।


लग गया था राष्ट्रपति शासन

बता दें इससे पहले भाजपा, जो सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, सरकार बनाने का दावा नहीं कर सकी क्योंकि उसकी सहयोगी शिवसेना मुख्यमंत्री के पद और मंत्रिमंडल के बंटवारे के बराबर बँटवारे पर बनी रही। शिवसेना ने सरकार बनाने के तरीके तलाशने के लिए बीजेपी के साथ अपने रास्ते अलग कर लिए। हालांकि, यह राज्य के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा दिए गए समय में विधायकों की आवश्यक संख्या के समर्थन को साबित करने में विफल रहा। राज्यपाल ने तब NCP, तीसरी सबसे बड़ी पार्टी को आमंत्रित किया था, जो सरकार को विफल बनाने की अपनी क्षमता साबित करने के लिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 105 सीटें जीतीं, उसके बाद शिवसेना ने 56, एनसीपी ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती।

सीएम बनने के बाद बोले फडणवीस
महाराष्ट्र के दोबारा सीएम बनने के बाद फडणवीस ने कहा, 'जनता ने हमें पूरा समर्थन दिया है। मगर शिवसेना ने नतीजों के बाद दूसरी पार्टियों के साथ सरकार बनाने की सोची, जिसका परिणाम यह हुआ कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग गया। महाराष्ट्र की जनता एक स्थायी सरकार चाहती है न कि खिचड़ी। मैं राकांपा के अजीत पवार जी का आभार व्यक्त करना चाहता हूं, उन्होंने महाराष्ट्र में एक स्थिर सरकार देने और बीजेपी के साथ आने का यह फैसला लिया। कुछ अन्य नेता भी हमारे साथ आए और हमने सरकार बनाने का दावा पेश किया।'

 

 

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