डॉ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिर्विद्)। । Diwali 2023: जब भगवान राम रावण का वध करके 14 वर्ष बाद जब अयोध्या आ रहे थे उसी समय अयोध्या के लोग राजा श्रीराम के स्वागत के लिए संपूर्ण नगर में दीपक जलाया। दीपावली का त्यौहार तभी से प्रति वर्ष मनाया जाने लगा। मान्यता है कि दीपक जीवन के अंधेरे को काटकर प्रकाश की ओर ले जाता है। इसी दिन लक्ष्मी पूजन का विधिविधान है। भगवान राम को विष्णु जी का अवतार माना जाता है। जहाँ विष्णु जी जाते है वहाँ लक्ष्मी जी स्वतः आ जाती है। दीपक के माध्यम से हम कामना करते है। कि परम परमेश्वर विष्णु जी हमारे घर आंगन में पधारें, माँ लक्ष्मी दीपक में प्रवेश कर जाती है और विष्णु जी के स्वागत में पहरेदार के रुप में ख़ड़ी रहती है। हमारे घर आंगन को खुशियों एवं धन संपदा से भर देती है।

दीपावली कब मनाएं
दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। इस साल दीपावली का त्यौहार 12 नवंबर 2023 को मनाई जायेगी। इस दिन माँ लक्ष्मी का विशेष पूजन किया जाता है। माँ लक्ष्मी की पूजा प्रदोष काल में होती है। प्रदोष काल शाम 05:39 से 7:35 तक रहेगा। वृषभ काल भी 05:39 से 07:35 तक रहेगा।

लक्ष्मी जी की साधना का समय
लक्ष्मी पूजा का सपूंर्ण काल समय 12 नवंबर 2023 की रात को 11:39 से 13 नवंबर 2023 को दोपहर 12:32 तक रहेगा। इस वीच भी लक्ष्मी जी के भक्तगण लक्ष्मी जी की आराधना कर सकते है। लक्ष्मी जी के साधक यदि कोई अनुष्ठान या कोई मंत्र साधना करना चाहें तो यह समय उपयुक्त है। इस बीच लक्ष्मी जी की आराधना करने से लक्ष्मी जी की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है। यदि लक्ष्मी जी प्रसन्न हो गई तो भक्तगण को धन-धान्य से परिपूर्ण कर देंती है।

लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त और मां का आशीर्वाद
प्रदोष काल में दीपावली मनाने का विधान है। मान्यता है यदि हम स्थिर लग्न में दीपक जलायें एवं लक्ष्मी जी का आह्वाहन करते हुए पूजन करें तो माँ लक्ष्मी की कृपा मिल जाती है। स्थिर लग्न में माँ लक्ष्मी की पूजा शुभ मानी जाती है। वृष, सिंह, वृश्चिक एवं कुंभ स्थिर लग्न वाली राशियाँ है। हम इन्ही लग्नों में माँ लक्ष्मी जी की पूजा करें तो माँ लक्ष्मी जी की कृपा निरन्तर बनी रहेगी। दीपावली 12 नवंबर 2023 को मनाई जायेगी। इस दिन माँ लक्ष्मी का विशेष पूजन किया जाता है। प्रदोष काल शाम 05:39 से 7:35 तक रहेगा। वृषभ काल भी 05:39 से 07:35 तक रहेगा। इस बीच पूजा करने से माँ का निरन्तर आशीर्वाद भक्तजन पर बना रहेगा। आर्थिक तंगी दूर होगी। लक्ष्मी जी की कृपा से आर्थिक स्थितियाँ मजबूत होगी। भक्त धनधान्य से संपन्न होगें।

मंत्रों का जाप करने वाले या तांत्रिक पूजा करने वाले इस मध्य रात्रि में अपने मंत्रों को सिद्ध कर सकते है। लक्ष्मी पूजा का सपूंर्ण काल समय 12 नवंबर 2023 की रात को 11:39 से 13 नवंबर 2023 से दोपहर 12:32 तक रहेगा। इस वीच भी लक्ष्मी जी के भक्तगण लक्ष्मी जी की आराधना कर सकते है। लक्ष्मी जी के साधक यदि कोई अनुष्ठान या कोई मंत्र साधना करना चाहें तो यह समय उपयुक्त है।