तो मंगवाया लेटर

लगातार स्वाइन फ्लू से मौतों की खबरों को लेकर जिले हेल्थ डिपार्टमेंट परेशान हो चुका है। प्राइवेट सेंटर्स और पैथोलॉजिस्ट लैब टेस्ट स्वाइन फ्लू बताकर शहर में दहशत फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इसीलिए हेल्थ डिपार्टमेंट ने प्रदेश सरकार से उन सेंटर्स की लिस्ट मंगवाई है जो प्रदेश और केंद्र सरकार से स्वाइन फ्लू की जांच के लिए अप्रवूड हैं।

तीन हैं सेंटर

हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक प्रदेश सरकार से आने वाले लेटर में तीन सेंटर्स से जांच कराने के निर्देश हैं। जिसमें लखनऊ पीजीआई, दिल्ली स्थित नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) और पुणे स्थित एनआईवी हैं। इनमें से किसी भी जगह से सैंपल भेजा जा सकता हैं। ये तीनों ही जांच के लिए ऑथराइज्ड सेंटर हैं। मेरठ के सबसे नजदीक दिल्ली का  दिल्ली स्थित नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल(एनसीडीसी) है। एनसीडीसी पिछले तीन-चार सालों से स्वाइन फ्लू जांच का ऑथराइज्ड सेंटर है।

वरना नहीं है स्वाइन फ्लू

प्रदेश सरकार ने अपने लेटर में साफ कर दिया है कि अगर कोई प्राइवेट सेंटर स्वाइन फ्लू की पुष्टि कर रहा है तो उसे दो सैंपल लेकर एक जिले के हेल्थ डिपार्टमेंट और दूसरा ऑथराइज्ड सेंटर को भेजना अनिवार्य होगा। वरना उसे स्वाइन फ्लू की कैटेगिरी में नहीं रखा जाएगा। हेल्थ डिपार्टमेंट ने साफ कर दिया है कि जो जांच रिपोर्ट ऑथराइज्ड सेंटर से आएगी वो ही मान्य होगी। प्राइवेट सेंटर की रिपोर्ट को नहीं माना जाएगा। क्योंकि प्राइवेट सेंटर की जांच पर विश्वास नहीं किया जा सकता है।

सिटी से एक सैंपल नहीं गया

ताज्जुब की बात तो ये है कि सिटी और पूरे जिले में स्वाइन फ्लू के 4 से 5 मौतें अब हो चुकी है। प्राइवेट डॉक्टर्स के क्लीनिक और हॉस्पिटल में इतने सारे मरीज आ रहे हैं। उसके बावजूद किसी ने भी अपने स्तर से स्वाइन फ्लू की पुष्टि करने के बाद भी हेल्थ डिपार्टमेंट सैंपल नहीं भेजा है। जिससे हेल्थ डिपार्टमेंट भी इस संशय में है कि शहर में वाकई स्वाइन फ्लू का कहर है या नहीं।

सभी भेजा जाएगा लेटर

हेल्थ डिपार्टमेंट ने इस लेटर को उन तमाम प्राइवेट सेंटर्स, हॉस्पिटल और डॉक्टर्स के क्लीनिक को भेजने की तैयारी कर रहे हैं जो स्वाइन फ्लू की पुष्टि कर रहे हैं। लेटर साफ कर दिया गया है कि अगर जांच में स्वाइन फ्लू की पुष्टि होती है तो उसका एक सैंपल हेल्थ डिपार्टमेंट और एक मेरठ के नजदीक ऑथराइज्ड सेंटर को भी भेजेंगे। अगर कोई ऐसा नहीं करेगा तो उसे नोटिस भी भेजा जा सकता है।

प्रदेश सरकार से आए लेटर को सभी जगह भेजना है। एक-दो दिन में सभी को लेटर भेज दिया जाएगा। जब तक ऑथराइज्ड सेंटर से पुष्टि नहीं हो जाती तब तक स्वाइन फ्लू पर संशय बना ही रहेगा। अब लेटर से ऑथराइज्ड सेंटर और हेल्थ डिपार्टमेंट को सैंपल भेजना अनिवार्य हो गया है।

- डॉ। अमीर सिंह, सीएमओ