-टै1स चोरों और तस्करों के लिये लेन-देन का मुफीद जरिया बनी बिट1वाइन

-जालसाजों के गैंग द्वारा ठगी का मामला सामने आने पर चर्चा में आई बिट1वाइन

LUCKNOW : एसटीएफ द्वारा वर्चुअल करेंसी बिट1वाइन के नाम पर ठगी करने के आरोपी को दबोचा तो चर्चा शुरू हुई कि आ2िार बिट1वाइन है 1या और इसका इस्तेमाल आ2िार कौन करता है। दरअसल इन दिनों इंटरनेट पर रुपये और दूसरी मुद्राओं के साथ लेन-देन में इस करेंसी का जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है। हैरानी की बात है कि किसी देश की करेंसी न होने और किसी देश द्वारा मान्यता न मिलने के बावजूद बिट1वाइन वर्चुअल दुनिया में 2ासी पॉपुलर हो चुकी है। अब तक इंटरनेशनल ट्रांजे1शन का जरिया यूएस डॉलर को 5ाी यह नई करेंसी चुनौती दे रही है। वजह 5ाी साफ है, इस करेंसी के जरिए लेन-देन करने पर न तो सरकार को इस बारे में पता चलता है और न ही वह श2स सुरक्षा एजेंसियों के राडार पर आ पाता है।

नहीं आती किसी कानून के दायरे में

बिट1वाइन करेंसी की पॉपुलारिटी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेजन और कई ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स इसे ए1सेप्ट कर रही हैं। दरअसल, यह एक डिजिटल करेंसी है और इसका बिना बैंक के लेनदेन होता है। यह दुनिया के किसी 5ाी कानून के दायरे में नहीं आती और न ही इसकी निगरानी ही सं5ाव है। यही वजह है कि यह गैरकानूनी कामों को करने वालों या फिर टै1स चोरों के लिये इससे ट्रांजे1शन करना बेहद मुफीद साबित हो रहा है। यही वजह है कि इसे इस्तेमाल करने वालों की तादाद दिन दूनी रात चौगुनी र3तार से बढ़ती जा रही है। आ5ासी दुनिया की यह नई करेंसी तमाम देशों के लिये चिंता का सबब 5ाी बन चुकी है। चीन ने तो बिट1वाइन से लेनदेन को प्रतिबंधित कर दिया है।

रुपया दीजिए, बिट1वाइन लीजिए

ऑनलाइन ट्रांजे1शन के काम आने वाली बिट1वाइन को हासिल करना 5ाी बेहद आसान है। 5ारत में यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्6ा https://support.buysellbitco.in/support/home पर उपल4ध है। इसके लिये कंपनी ने एजेंट 5ाी बना र2ो हैं जो इसी प्लेटफॉर्म पर लागइन आईडी के जरिए बिट1वाइन की 2ारीद-फरो2त करते हैं। इसके लिये किसी 5ाी श2स को साइट पर जाना होता है। जहां उसे अपनी जरूरत के हिसाब से बिट1वाइन 2ारीदने का ऑप्शन होता है। बिट1वाइन का रेट वैसे तो इंटरनेशनल मार्केट से तय होता है लेकिन, 5ारत में इसकी कीमत 20 फीसदी तक ज्यादा वसूली जाती है। शनिवार शाम को एक बिट1वाइन की कीमत 14,812 यूएस डॉलर थी। जरूरत के मुताबिक बिट1वाइन 2ारीदने के लिये साइट पर 2ाुद का ई-वॉलेट बनाना पड़ता है। जिसके बाद रुपया ट्रांसफर करने पर उतनी रकम के एवज में बिट1वाइन दे दिये जाते हैं। हाल ही में पकड़ा गया मो। अजहद 5ाी 2ाुद को एजेंट बताकर हरियाणा के फतेहाबाद निवासी व्यापारी को ठगने में सफल हो गया था।

बॉ1स

इंजीनियरिंग छात्रों के जरिए चल रहा गोर2ाधंधा

बिट1वाइन के नाम पर धो2ाधड़ी करने वाले गैंग का 2ाुलासा करने वाले यूपी एसटीएफ के एएसपी डॉ। त्रिवेणी सिंह ने बताया कि अब तक की जांच में पता चला है कि बिट1वाइन के नाम पर लोगों को ठगने वाले गैंग का सरगना पुणे में मौजूद हैं। उसने बेहद चालाकी से अपनी पहचान छिपाते हुए इंजीनियरिंग के छात्रों को अपना एजेंट बना लिया और उनके जरिए ही इस गोर2ाधंधे को संचालित कर रहा है। इतना ही नहीं, गैंग ने देश के तमाम शहरों में अपने एजेंट बना लिये हैं। इन एजेंटों का काम ऑनलाइन बिट1वाइन 2ारीदने वाले को झांसा देकर दिये गए बैंक अकाउंट में रकम जमा कराना होता है। जिसके बाद सरगना रकम को निकाल लेता है। साथ ही एजेंटों को उनका कमीशन उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाता है। डॉ। सिंह ने बताया कि एसटीएफ टीम को गिर3त में आए मो। अजहद से जो जानकारी हाथ लगी है, उसके सहारे अब पुणे पुलिस से संपर्क साधा गया है।