-बड़े नोटों पर पाबंदी के चलते दवा व्यापारियों ने बेची दो करोड़ की उधारी

-बिजली कैश काउंटर आज भी रहे बंद, विभाग को एक अरब का फटका

Meerut । पांच और हजार के नोटों पर बैन का सबसे बड़ा असर दवा मार्केट पर पड़ रहा है। आलम यह रहा कि गुरुवार को भी खैरनगर स्थित दवा मार्केट में सन्नाटा पसरा रहा। यही नहीं दवाओं की बिक्री में हुई 80 फीसदी गिरावट ने दवा कारोबारियों को परेशान कर दिया। वहीं बिक्री न देख व्यापारियों ने मजबूरीवश उधारी पर ही दवा देना मुनासिब समझा।

दो करोड़ की उधार बेची दवा

दरअसल, मेरठ में रोजाना का दवा कारोबार दो से ढ़ाई करोड़ का रहता है। लेकिन बड़े नोटों के बैन के बाद मार्केट सिमट कर 20 प्रतिशत ही रह गया। ड्रग एवं केमिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री रजनीश कौशल ने बताया कि पांच सौ और हजार के नोटों पर सरकारी प्रतिबंध के कारण दवा कारोबार चौपट रहा। आलम यह है कि मेडिकल स्टोर्स पर ग्राहकी लगभग बंद हो गई है। रजनीश ने बताया कि मजबूरीवश व्यापारियों ने लगे बंधे डीलर्स को उधारी दवाई बेची। एसोसिएशन की सभी दुकानों ने दो दिनों में लगभग दो करोड़ की उधार दवाई बेची।

बड़े नोटों पर सरकारी बैन ने दवा कारोबार बिल्कुल बेकार कर दिया है। दो दिनों से दवाओं की बिल्कुल भी सेल नहीं है। मार्केट में हड़ताल जैसे हालात हैं।

-रजनीश कौशल, महामंत्री मेरठ ड्रग एवं केमिस्ट एसो।

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आज भी जमा नहीं हुए बिल

मेरठ। पीवीवीएनएल में पांच सौ और हजार के नोटों पर सरकारी बैन का असर गुरुवार को भी छाया रहा। यही कारण है कि छुट्टा न होने के कारण पब्लिक के बिल जमा नहीं हो पाए। जिसके चलते विभाग के कैश काउंटर एक बार फिर वीरान दिखाई दिए। नतीजा यह हुआ कि ड्यू डेट पर बिल जमा न होने के कारण विभाग द्वारा सैंकड़ों कंज्यूमर्स का कनेक्शन काट दिया गया।

सुनसान रहे कैश काउंटर

दरअसल, 500 व 1000 के नोटों पर सरकारी बैन के बाद पीवीवीएनएल ने बिल के रूप में बड़े नोटों को लेने से इंकार कर दिया। इसका असर गुरुवार को बिजली कैश काउंटर्स पर देखने के मिला। छुट्टे रुपए न होने के कारण अधिकांश कंज्यूमर्स अपना बिल नहीं जमा कर पाए, जिसके चलते विभाग के कैश काउंटर्स दिन भर वीरान पड़े रहे। नोटों के क्राइसेस के चलते समय पर बिल न जमा कर पाने के कारण विभाग की ओर से सैंकड़ों कंज्यूमर्स का कनेक्शन काट दिया गया।

दो दिन में 100 करोड़ का फटका

पांच सौ व हजार के नोटों पर बैन का सबसे बड़ा प्रभाव पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम पर पड़ रहा है। बिल न जमा होने के कारण विभाग को दो ही दिन में 100 करोड़ का फटका लग गया। जिसमें से अकेले मेरठ में ही विभाग को 8 से 10 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा। एसई अर्बन आरके राणा ने बताया कि आम दिनों में शहर से 3.5 करोड़ के आस-पास कैश बिल आता है, जो दो दिन से न के बराबर रहा। वहीं एसई रूरल वीएन सिंह ने बताया कि बिल न जमा होने के कारण देहात सर्कल में एक करोड़ लाख का नुकसान हुआ है।

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अब पुराने नोटों से जमा करें बिल

मेरठ। नए नोटों के अभाव में दो दिन में एक अरब की मार झेल चुके पीवीवीएनएल ने अब पुराने नोटों से ही बिल जमा करने का फॉर्मूला निकाला है। विद्युत वितरण खंड फोर्थ के एक्सईएन रवि कुमार अग्रवाल ने बताया कि कंज्यूमर्स पांच सौ और हजार के नोट से अपना बिजली बिल जमा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि बिल जमा होने के बाद शेष रकम कंज्यूमर को लौटाई नहीं जाएगी, बल्कि अगले बिल में समायोजित कर ली जाएगी।

सरकारी बैन के चलते 500 व 1000 के नोट नहीं लिए गए हैं। इससे विभाग के राजस्व पर भारी असर पड़ रहा है। अब पुराने नोटों से बिल जमा करने की व्यवस्था शुरू की गई है।

-पंकज कुमार, चीफ इ्रंजीनियर मेरठ

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