BAREILLY :

-आम बजट में राहत मिलने की उम्मीद लगाए हैं स्टूडेंट्स, पेरेंट्स और शिक्षाविद्

एक दिन बाद पेश होने वाले आगामी आम बजट से एजुकेशन सेक्टर को भी बहुत सी उम्मीदें हैं। शिक्षा के क्षेत्र में आए दिन बढ़ती महंगाई से शिक्षा महंगी हो चुकी है। जिससे मीडियम और निम्न स्तर के लोगों के लिए हायर एजुकेशन हासिल करना मुश्किल हो गया है। शिक्षण संस्थान संचालकों का कहना है कि शिक्षण संस्थानों पर पहले से टैक्स अधिक है। इसमें सरकार को बजट में कटौती कर भ्0 प्रतिशत छूट देनी चाहिए। बजट से स्टूडेंट्स, शिक्षाविदों और संस्थानों को क्या आस है, दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने जानने का प्रयास किया अपने अभियान 'दिल चाहता है' के जरिए

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शिक्षविदं की राय

शोध और तकनीकी शिक्षा के लिए बढ़े बजट

बजट में शिक्षा के लिए पर्याप्त बजट हो, साथ ही शोध और तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बजट बढ़ाया जाए। जिससे स्टूडेंट आगे बढ़ सकें। मेरा मानना है कि शिक्षा को संसाधन न बनाया जाए। उसे शिक्षा ही रहने दिया जाए। पहले शिक्षा मंत्रालय अलग था, बाद में इसे मानव संसाधन मंत्रालय में शामिल कर दिया गया। इसे अलग ही रखना चाहिए।

डॉ। अजय शर्मा, प्रचार्य बरेली कॉलेज बरेली

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रिसर्च के लिए बढ़े बजट

रिसर्च के लिए कम से कम भ् प्रतिशत बजट बढ़ाना चाहिए। क्योंकि बजट में आगामी वित्तीय वर्ष में संभावित आय और व्यय का प्रस्तावित ब्यौरा पेश किया जाता है। इस समय सरकार से हायर एजुकेशन के लिए बजट कम मिलता है जिससे रिसर्च में प्रॉब्लम होती है।

डॉ नेहा गुप्ता, असिस्टेंट प्रोफेसर इकोनॉमिक्स अबंतीवाई ग‌र्ल्स महाविद्यालय

खाने-पीने पर न लगे टैक्स

प्राइवेट यूनिवर्सिटी और मैनेजमेंट शिक्षण संस्थान में खाने-पीने पर टैक्स नहीं होना चाहिए। टैक्स हो भी तो कम से कम भ्0 प्रतिशत टैक्स में छूट होना चाहिए। सरकार ने खाने-पीने के आइटम पर भी टैक्स लगा दिया है जिससे शिक्षा कहीं न कहीं मंहगी हुई है। क्योंकि शिक्षण संस्थानों के पास खुद के पहले से ही पार्किंग टैक्स, डेवलपमेंट टैक्स और ग्रीनरी टैक्स आदि होते हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स को टैक्स जोड़ने के बाद खाना मिलेगा तो जाहिर बात है मंहगा होगा। सरकार को बजट में यह प्रावधान जरूर करना चाहिए जिससे हायर शिक्षा सस्ती हो। टैक्स में सरकार को छूट देनी चाहिए क्योंकि टैक्स में छूट देने से टैक्स पेयी बढ़ते हैं।

डॉ। केशव कुमार, इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी चांसलर

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स्कूल प्रबंधन की बात

सही तरीके से हो बजट का इस्तेमाल

सरकार की तरफ से शिक्षा के लिए बजट तो कम नहीं है, लेकिन इसका इस्तेमाल सही तरीके से और सही जगह किया जाना बहुत ही जरूरी है। शिक्षा का स्तर तभी सुधरेगा जब बजट का सही जगह शिक्षा पर खर्च किया जाए।

राजेश जौली, मैनेजर जीआरएम स्कूल

टैक्स में दी जाए छूट

लोअर और मिडिल क्लास के लोगों को सबसे अधिक दिक्कत होती है। शिक्षा में बढ़ते खर्चो से उन्हें बच्चों को पढ़ाने में समस्या होती है। सरकार को बजट में ऐसा नियम बनाना चाहिए जिससे आम लोगों को शिक्षा महंगी न हो। सरकार को टैक्स में छूट देना चाहिए।

डॉ। आरके शर्मा, शिक्षाविद्

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स्टूडेंटस की राय

बजट में महिलाओं को उच्च शिक्षा तक मुफ्त पढ़ाई का प्रावधान होना चाहिए। क्योंकि जब तक महिलाओं के लिए शिक्षा मुफ्त नहीं होगी तब तक शिक्षा में महिलाओं का स्तर नहीं बढ़ सकता है।

प्रीती राठौर, स्टूडेंट बीकॉम

कॉलेज में स्टूडेंट को तकनीकी शिक्षा को बढ़ाया जाए। तकनीकी शिक्षा का मतलब कंप्यूटर नहीं क्योंकि कम्प्यूटर के साथ इंटरनेट और अन्य संसाधनों को भी बजट में शामिल किया जाए।

प्रीती, स्टूडेंट बीए

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पेरेंस की बात

सस्ती हो शिक्षा

बजट में सरकार को ऐसा प्रावधान करना चाहिए कि सस्ती और क्वालिटी परक शिक्षा मिल सके। क्योंकि जब तक क्वालिटी परक शिक्षा नहीं मिलेगी तब तक बच्चे पढ़ने के बाद भी बेरोजगार रहेंगे। बजट में क्वालिटी परक शिक्षा के लिए कुछ किया जाए।

सतनाम अनेजा

सरकारी स्कूलों के सुधार की हो व्यवस्था

प्राइवेट शिक्षा की जगह सरकारी स्कूलों की हालत सुधारने के लिए बजट में प्रावधान होना चाहिए। जब तक सरकारी स्कूलों की हालत नहीं सुधरेगी तब तक शिक्षा का स्तर नहीं सुधरेगा। इसके लिए बजट में सरकार को ही योजना बनानी चाहिए।

डॉ। भ्रमरेश