-आजादी के 70 साल में बनारस से कोई महिला संसद नहीं पहुंची

-आसपास की सीटों से पांच महिलाएं हो चुकी हैं निर्वाचित

-कभी पूर्वाचल का, अब केंद्र का भाग्य विधाता है बनारस

vinod.sharma@inext.co.in

VARANASI

एक समय पूर्वाचल की राजनीति का भाग्य वाराणसी से तय होता था, लेकिन 2014 में नरेंद्र मोदी के चुनाव लड़ने के बाद अब बनारस केंद्र का भाग्य विधाता बनकर राजनीतिक पटल पर उभर चुका है, लेकिन आधी आबादी पर बाबा की कृपा कभी नहीं बरसी. यही कारण है कि आजादी के 70 साल में बनारस से कोई महिला संसद नहीं पहुंची, जबकि वाराणसी संसदीय क्षेत्र के आसपास वाली सीटों से चुनकर करीब पांच महिला संसद पहुंच चुकी हैं.

पूर्वाचल में अहम है आजमगढ़

भले ही हर राजनीतिक दल महिलाओं को बढ़ावा देने की बात करता हो, लेकिन हकीकत इससे उलट है. वाराणसी में आधी आबादी को पिछले 70 सालों से राजनीति में अपना रास्ता बनाने के लिए खास मौके नहीं मिल पा रहे हैं. हालांकि वाराणसी संसदीय क्षेत्र के आसपास चंदौली, मिर्जापुर, भदोही, आजमगढ़ से चुनकर महिला संसद पहुंच चुकी हैं. सपा का गढ़ कहे जाने वाले आजमगढ़ के वोटर्स को पूर्वाचल की पहली महिला सांसद चुनने का गौरव हासिल है. 1978 में रामनरेश यादव के त्यागपत्र देने के बाद हुए उपचुनाव में यहां से कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मोहसिना किदवई ने जीत हासिल की थी. इसके अलावा पिछले चुनाव में आजमगढ़ की सुरक्षित लालगंज सीट से नीलम सोनकर, भदोही से फूलन देवी, चंदौली से कमलापति त्रिपाठी की पुत्रवधू चंद्रा त्रिपाठी 'बहूजी' और मिर्जापुर से अपना दल की अनुप्रिया पटेल निर्वाचित हो चुकी हैं.

महिलाओं का बढ़ा रुझान

इस बार वोटर्स की संख्या 28 लाख 39 हजार, 204 है. इसमें महिलाओं की संख्या 12 लाख, 75 हजार, 695 व पुरुषों की संख्या 15 लाख, 63 हजार, 368 है. मतदाता पुनरीक्षण से पहले जिले में टोटल 28 लाख, 10 हजार 390 वोटर्स थे. इस तरह मतदाता पुनरीक्षण के बाद कुल 29, 006 वोटर बढे़ हैं. अगर महिला और पुरुष वोटर्स में वृद्धि की बात करें तो मतदान को लेकर महिलाओं का रुझान बढ़ा है. 15 हजार 811 महिलाओं की तुलना में महज 12 हजार 985 पुरुष वोटर्स की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है.

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इसलिए हिम्मत नहीं जुटा पा रहीं प्रियंका गांधी

सक्रिय राजनीति में प्रियंका गांधी के पदार्पण के बाद मोदी लहर कम करने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा प्रियंका गांधी को बनारस से चुनाव लड़ाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है, लेकिन प्रियंका गांधी ने कहा कि पार्टी हाईकमान को फैसला करना है कि मैं चुनाव लड़ूंगी या नहीं और कहां से लड़ाना है, जबकि सच्चाई यह है कि अभी तक बनारस से कोई भी महिला सांसद नहीं चुनी गई है, यह जानकारी प्रियंका गांधी को भी है. इसलिए वह यहां से चुनाव लड़ने का मन नहीं बना पा रही हैं.

पूर्वाचल की महिला सांसद

फूलन देवी (भदोही)

सपा-1996

चंद्रा त्रिपाठी (चंदौली)

कांग्रेस-1984

नीलम सोनकर (लालगंज)

भाजपा-2014

मोहसिना किदवई (आजमगढ़)

कांग्रेस-1978

अनुप्रिया पटेल (मीरजापुर)

अपना दल-2014

2014 की स्थिति

-12,32,726 महिला वोटर

-57.04 प्रतिशत महिला वोटिंग

-सेवापुरी में पुरुषों से ज्यादा 60.26 प्रतिशत महिलाओं ने वोट डाला था.

2019 की स्थिति

-महिला वोटर-12 लाख, 75 हजार, 695

-कैंट विधानसभा में सबसे अधिक 1,82,816 महिला वोटर

-दक्षिणी में सबसे कम 1,25,587 महिला वोटर

कुल वोटर-28 लाख, 39 हजार, 204