नई दिल्ली (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र से कहा कि सभी राज्य सरकारों की कोविड-19 टेस्टिंग रेट्स में एकरूपता होनी चाहिए। उन्हें इसमें कोआर्डिनेट करना चाहिए। जस्टिस अशोक भूषण, संजय किशन कौल और एमआर शाह की खंडपीठ ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह कोविड-19 टेस्टिंग रेट्स को राज्यवार तय करने के लिए एक समिति का गठन करे। कुछ राज्यों में यह 2,200 रुपये है और कुछ में यह 4,500 रुपये है। जस्टिस शाह ने केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा यह रेट्स हम नहीं आप तय करें।

कोविड-19 टेस्टिंग के लिए उचित दर तय की जानी चाहिए

इस पर मेहता ने जवाब दिया कि इसे राज्यों पर छोड़ देना बेहतर है, क्योंकि कुछ पर चर्चा हो सकती है कि परीक्षण के लिए भी कम दरें हैं। पीठ ने कहा आप ऊपरी सीमा तय करते हैं। राज्य बाकी काम करेंगे। जस्टिस भूषण ने इस बात पर भी जोर दिया कि कोविड-19 टेस्टिंग के लिए उचित दर तय की जानी चाहिए, और पूरे देश में एकरूपता होनी चाहिए। बता दें कि शुक्रवार को पीठ एक ऐसे मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसमें उसने कोविड-19 रोगी की गलत देखभाल और शवों की चूक का मामला संज्ञान में लिया था।

बीते 24 घंटे में कोरोना के 13,586 नए केस सामने आए हैं

देश में शुक्रवार सुबह तक आई रिपोर्ट के मुताबिक बीते 24 घंटे में कोरोना के 13,586 नए केस सामने आए हैं। वहीं 336 माैतें दर्ज हुई हैं। यूनियन हेल्थ मिनिस्ट्री डाटा के अनुसार इस तरह से देश में अब तक कोरोना वायरस के 3,80,532 केस दर्ज हुए हैं। वहीं मरने वालों की संख्या बढ़कर 12,573 हो गई। सुबह 8 बजे अपडेट किए गए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार कोरोना के सक्रिय मामले 1,63,248 हैं।

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