तब इंसान बन जाता है शैतान!

Case-1 : दिल्ली से लखनऊ आ रही टे्रन में एक एडमिनिस्टे्रटिव ऑफिसर ने अपने कोच में मौैजूद एक लड़की के साथ छेड़खानी शुरू कर दी। लड़की के शोर मचाने पर कोच के दूसरे लोगों लड़की को ऑफिसर के चंगुल से छुड़ाया। मामला जीआरपी तक पहुंचा और ऑफिसर को गिरफ्तार कर लिया गया।

Case 2 : ट्रेन से एजुकेशनल टूर पर जा रही गर्ल स्टूडेंट के बर्थ पर कुछ मनबढ़ों ने कब्जा कर लिया। गर्ल स्टूडेंट्स ने इसका विरोध किया तो मनबढ़ खुलेआम छेड़खानी पर उतर आए। साथ मौजूद बॉयज ने गल्र्स को सेफ किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए यूनिवर्सिटी के वीसी को भी हस्तक्षेप करना पड़ा।

ये दो केसेज तो अपने शहर से जुड़े हैं जबकि दिल्ली में चलती बस में गैंग रेप का मामला अब तक पूरे देश को हिलाए हुए है। कोई भी दिन ऐसा नहीं होता जब ट्रेन में किसी लड़की के साथ छेड़छाड़ न होती हो। हालांकि ना तो रोज इस तरह के मामले दर्ज होते हैं और ना ही ये घटनाएं मीडिया की सुर्खियां बन पाती हैं। सवाल यही है कि ऐसी क्या वजह है कि जर्नी में साथ चलने वाले लोग ही हैवान बन जाते हैं? आई नेक्स्ट ने जब इस बारे में हमसफर से हैवान बनने वालों की शैतानी खोपड़ी की साइकोलॉजी समझने की कोशिश की तो रिजल्ट चौंकाने वाले थे। खुद समझिये कि क्यों जर्नी में मौका देख इंसान बन जाता है शैतान।

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हमारी सोसाइटी में काफी खुलापन आ रहा है। खासकर यंगस्टर्स ने अपने बीच कोई लक्ष्मण रेखा नहीं रखी है। हांलाकि इससे सोसाइटी हेल्दी ही हो रही है। लेकिन हर सोसाइटी में इंसान के रूप में भेडिय़े भी मौजूद रहते हैं। वह किसी न किसी रूप में समाज से बहिष्कृत होते हैं। उनके मन में एक कुंठा होती है। वह लेडीज के इस खुलेपन को आमंत्रण समझते हैं और छेडख़ानी जैसा क्राइम करते हैं। देखने में वह बेहद सामान्य होते इसलिए उनकी पहचान बेहद मुश्किल होती है।

डा। संजय गुप्ता, साइकिएट्रिस्ट

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टे्रन में नशा करने की घटनाओं से ईव टीजिंग की घटनाएं बढ़ी हैं। नशे में व्यक्ति हर किसी का आकर्षण अपनी ओर चाहता है। इसके लिए वह दूसरों को तकलीफ देने में भी नहीं हिचकता है। इसके पीछे एक बड़ी वजह ये भी है कि हमारी सोसाइटी में तेजी से आइडियल वैल्यूज में गिरावट आ रही है। लोगों में नशा करने और पोर्न साइट्स देखने की आदत बढ़ रही है। ऐसे लोगों को नार्मल सेक्स अच्छा नहीं लगता। व्यक्ति सेक्स में बर्बरता चाहता है और अपनी मौजूदगी का एहसास दिलाने के लिए छेड़खानी करता है। लेडी को होने वाली तकलीफ उसे अच्छी लगती है।

डा। तुलसी, साइकोलाजिस्ट

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छेडख़ानी जैसी घटना को अंजाम देने वालों में सेक्सुल विकृति होती है। ऐसे लोग सोसायटी के लिए बेहद खतरनाक होते हैं। ऐसे ही लोग बच्चों से रेप करते हैं। वह अपनी सेक्सुअल नीड को किसी भी तरह पूरा करना चाहते हैं। इनको बचपन में परिवार का संस्कार नहीं मिलता है। यह विकृति कुछ दिनों में नहीं आती है बल्कि लम्बे समय तक धीरे-धीरे इंसान के मन में बैठती है। ऐसे किसी इंसान को जब खुला महौल मिलता है तो वह छेडख़ानी जैसी हरकतें कर बैठता है।

डा। मधुलिका शर्मा, साइकोलाजिस्ट

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अचानक कुछ नहीं होता है। ईव टीजिंग जैसी कोई भी घटना लम्बे समय के फस्ट्रेशन का नजीता होती है। हर किसी में अपोजिट सेक्स के लिए अट्रैक्शन होता है। इसके बारे में देखने, सुनने, पढऩे वालों की संख्या काफी अधिक है। अगर कोई इसे नॉलेज के तौर पर इस्तेमाल करता है तो ठीक लेकिन कुछ लोग इसकी वजह से फस्ट्रेशन में भी आ जाते हैं। ऐसे लोग ही मौका मिलने पर छेडख़ानी या रेप जैसी घटना को अंजाम देते हैं। हमारी कंट्री में दण्ड प्रक्रिया ढीली होने का नतीजा भी है ईव टीजिंग जैसी घटना रुक नहीं रही है।

डा। अजय तिवारी, क्लिनिकल साइकोलाजिस्ट

कहीं सेफ नहीं हैं लेडीज

टे्रन में छेडख़ानी की बढ़ती घटनाओं की एक बड़ी वजह है सभी कोचेज में सिक्योरिटी का न होना। लम्बी दूरी की टे्रन्स में स्कार्टिंग होती है लेकिन इसमें सिक्योरिटी परसन इतने कम होते हैं कि वह हर कम्पार्टमेंट में मौजूद पैसेंजर को सेफ नहीं कर सकते। जर्नी के दौरान टे्रन्स में छेड़खानी के ज्यादा केसेज सामने आते हैं। लम्बी दूरी की ट्रेन्स में लेडीज के लिए अलग कम्पार्टमेंट भी होता है लेकिन यहां भी जेंट्स कब्जा जमाए रहते हैं। कई बार रेलवे इम्प्लाई भी ईव टीजिंग में इन्वॉल्व मिलते हैं। स्कार्टिंग में लेडीज कास्टेबल नहीं होती हैं। ऐसे में छेडख़ानी की शिकायत भी कम होती हैं।  

छेडख़ानी के लिए कुख्यात टे्रनें

हिमगिरी

स्वतंत्रता सेनानी

लिच्छवी

मरुधर

पंजाब मेल

काशी विश्वनाथ

महानगरी

पवन एक्सप्रेस

जीआरपी ने किया है इंतजाम

टे्रनोंं पैसेंजर की सिक्योरिटी के लिए जिम्मेदार जीआरपी ने ईवटीजिंग रोकने के लिए हेल्प लाइन जारी किया है। टे्रनों में स्टीकर चिपकाकर समय-समय पर अन्य माध्यमों से पैसेंजर को इसकी जानकारी दी जाती है। इन नम्बरो पर कम्प्लेन करने पर नीयरेस्ट स्टेशन पर तत्काल हेल्प मिलती है।

052211332

2288103

2288104

2288105

9454002545

9919099190 (वोडाफोन कस्टमर फ्री फोन कर सकते हैं.)

सुप्रीम कोर्ट भी है सख्त

सुप्रीम कोर्ट ने ईव टीजिंग के बढ़ते केसेज को गंभीरता से लिया है और इस संबंध में केंद्र व राज्य सरकारों के लिए डायरेक्टिव जारी किया है। जबकि आईपीसी में इसके छेड़खानी पर सजा का प्रावधान है।

- रेलवे स्टेशन, मॉल, सिनेमा हॉल, बस अड्डे जहां ईव टीजिंग की संभावना हो वहां सादे डे्रस में महिला पुलिसकर्मियों तैनात किया जाए।

- पब्लिक बस में महिला से टीजिंग होने पर ट्रांसपोर्ट इंचार्ज या बस ईम्प्लाई की ड्यूटी है कि वह बस को नजदीकी पुलिस थाने ले जाकर इसकी सूचना देंगे। ऐसा न करने पर बस की परमिट रद कर दी जाएगी।

- छेड़छाड़ की शिकायतें सेक्शन 354 और 509 में दर्ज होती है। इन मामलों में प्रूफ करना मुश्किल होता कि आरोपित ने कब और क्या छेडख़ानी की है। इसे साबित करने की जिम्मेदारी पुलिस पर होती है। छेड़छाड़ पर तीन महीने से लेकर एक साल तक की सजा हो सकती है।

बच के रहना रे बाबा

- टे्रन में सफर के दौरान लेडीज जीआरपी की हेल्प लाइन नम्बर अपने पास रखें।

- कोशिश करें की टे्रन में अकेले सफर नहीं करना पड़े।

- यदि जरूरी हो तो कम्पार्टमेंट में ऐसी जगह बैठें जहां कुछ और पैसेंजर भी हों।

- यदि कोई साथी पैसेंजर टे्रन में शराब या और कोई नशा करता है उसे ऐसा करने से रोकें।

- यदि वह नहीं मानता है तो इसकी सूचना टे्रन में मौजूद स्कार्ट को दें

- साथी पैसेंजर के अलावा टे्रन के इप्लाई को भी बहुत अधिक छूट नहीं दें।

- हर पैसेंजर से जल्दी घुलने-मिलने की आदत से बचे।

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टे्रनों होने वाली छेडख़ानी की घटना को लेकर जीआरपी गंभीर है। इसके लिए हेल्प लाइन जारी किया गया है। अभियान चलाकर इसकी जानकारी पैसेंजर को दी जाती है। टे्रनों में स्कार्टिंग भी बढ़ायी गयी है।

जेपी सिंह, पीआरओ, एडीजी, जीआरपी

highlights

- जनवरी से अब तक सिटी में दुष्कर्म, शीलभंग और छेड़खानी के 142 केसेज दर्ज।

- शील भंग की धारा में 23 केस हो चुका है दर्ज।

- 17 रेप के मामलों में भी दर्ज हुई है एफआईआर।

- छेड़खानी के 23 केसेज भी अलग-अलग थानों में हुए हैं दर्ज।

- सभी दर्ज हुए मामलों में आरोपियों की हुई है गिरफ्तारी।

- महिला हेल्प लाइन में दो महीने के अंदर छेड़खानी की 332 शिकायतें दर्ज।

- इनमें से 232 शिकायतें फोन और मैसेज के थ्रू परेशान किये जाने की हैं।

- 100 शिकायतें सड़कों और मुहल्ले में छेड़खानी तथा घरेलू हिंसा के।