बैंक का बेट तोड़ने की कोशिश
20 फरवरी को हरियाणा जाट आंदोलन की आग में जल रहा था। वहीं झज्जर के स्टेट बैंक ऑफ पाटियाला की एक ब्रांच की सुरक्षा में रिटायर्ड फौजी हवा सिंह यादव तैनात था। उस दौरान झज्जर में कर्फ्यू लगा था। हवा सिंह 1999 में कुमाऊं रेजिमेंट से बतौर नायक पद से रिटायर हुए थे। इस दौरान उपद्रवियों ने एलपीजी धमाके से बैंक के गेट को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन वे नाकाम रहे। उस वक्त उपद्रवियों ने हवा सिंह को भी मारने की कोशिश की। उपद्रवियों ने चिली पाउडर और टायर जलाकर के जरिए हवा सिंह की सांसें थामने की कोशिश की, लेकिन वे फौजी के हौसले के आगे पस्त रहे। हालांकि हवा सिंह ने भी जवाबी फायरिंग की जिसमें दो उपद्रवी जख्मी भी हो गए।
अस्पताल में भर्ती हवा सिंह
मामले की गंभीरता देखते हुए हवा सिंह ने पुलिस और अपने परिवार को मदद के लिए फोन किया। शाम करीब 6 बजे नरेंद्र सिंह और उनके दोस्त घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन उपद्रवियों के हाथ में तलवार और बंदूक देखकर वे हवा सिंह की कोई मदद नहीं कर सके। उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी, लेकिन पुलिस भी आधी रात से पहले वहां नहीं पहुंच पाई। उस वक्त भी करीब 50 लोग बैंक के अंदर दाखिल होने की कोशिश में थे। हालांकि, पुलिस को देख बाद में उपद्रवी भाग खड़े हुए। एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक, अभी हवा सिंह का इलाज गुड़गांव के एक अस्पताल में चल रहा है।
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