फारूक अब्दुल्ला मुख्य रूप से

भारत और पाकिस्तान के बीच काफी पुराने समय से चले आ रहे कश्मीर मसले पर अभी तक कोई हल नहीं निकला है। भारत और पाकिस्तान की ओर कई बार इसको लेकर वार्ता की पहल हुई लेकिन कुछ खास परिणाम सामने नहीं आए हैं। ऐसे में कल रॉ के पूर्व प्रमुख एएस दुलत के साथ 'ए कन्वर्सेशन ऑन जम्मू एंड कश्मीर' विषय पर आधारित एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। इस दौरान इस कार्यक्रम में नेशनल कांफ्रेंस के नेता एवं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला मुख्य रूप से शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने पाक को कश्मीर अपने देश में शामिल करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। उसे कभी इस दिशा में सफलता नहीं मिल सकती है। कश्मीर कभी पाकिस्तान का हिस्सा नहीं बन सकता है।

रणनीतियों पर भी कटाक्ष किया

इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान की रणनीतियों पर भी कटाक्ष किया। उनका कहना है कि भारत पाक के बीच कश्मीर एक मुख्य एजेंडा है। ऐसे में दोनों देशों को आपस में वार्ता से ही हल निकालना चाहिए, लेकिन पाकिस्तान हमेशा ही युद्ध के खतरों या परमाणु बम के इस्तेमाल जैसी धमकी देकर हल निकालने की कोशिश जताता है। जो कि कभी सार्थक नही हो सकती है। 65 सालों से ये बम वर्षा से जीत हासिल करने वाले रास्ते छोड़ने होंगे। इस दौरान उन्होंन पाकिस्तान में वहां के नेतृत्व की भी खामियां गिनाई। उनका कहना है कि पाकिस्तान में नवाज शरीफ बस नाम और पद के प्रधानमंत्री हैं। वहां तो असली अधिपत्य तो सेना का है। सेना ही वहां की असली शासक है। ऐसे में भारत और पाकिस्तान के बीच शांति से वार्ता और समस्याओं का हल निकालने के लिए नवाज शरीफ को आगे आना होगा।

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