एचएएल ने किया तेजस को डिजाइन

तेजस को डिजाइन करने वाली एचएएल को इस विमान पर बहुत गर्व है। उनका कहना है कि एलसीए के उत्पादन के लिए उन्होंने बेंगलुरू में एक अत्याधुनिक, पर्यावरण नियंत्रित और समर्पित डिविजन स्थापित की थी। तेजस एक शानदार लड़ाकू विमान है, जो वजन में बेहद हल्का है। यह एक सुपरसोनिक विमान है जो हवा में बहुत देर तक एक ही स्थान पर स्थिर रह रकता है। इसकी अधिकतम उड़ान क्षमता 1920 किलोमीटर प्रति घंटा है और इसमें मल्टी मोड राडार लगा है। यह लड़ाकू विमान सभी प्रकार की मिसाइल से हमला करने की क्षमता रखता है। भारतीय वायु सेना की योजना है कि वो 120 तेजस विमान शामिल कर ले। इनमें से 100 की हमला करने, राडार और बीच मार्ग में फिर से ईंधन भरने की क्षमता में बदलाव किए जाएंगे। आज के दौर में तेजस दुनिया का सबसे हल्का और छोटा लड़ाकू विमान है, जो अपनी रफ्तार और सटीकता के लिए जाना जाता है।

अभी और सुधार की गुंजाइश

एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, तेजस के LSP-3 और LSP-4 वर्जन को एयर शो में भेजा जाएगा। इनमें से एक को उड़ाने और दूसरे को डिस्प्ले के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। हालांकि, तेजस को उड़ाने वाले टेस्ट पायलट इस फैसले से खुश नजर नहीं आ रहे हैं। उनका कहना है कि प्लेन के निचले हिस्से में समस्याएं हैं। पायलट के मुताबिक, इस ट्रिप के लिए फिलहाल का समाधान तो निकाल दिया गया है, लेकिन लांग टर्म समाधान का अब भी इंतजार है।

National News inextlive from India News Desk