कलबुर्गी (एएनआई)। कर्नाटक के कलबुर्गी में बहमनी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के प्रबंधन और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। बुधवार को जिला उपायुक्त शरथ बी ने कहा कि, अस्पतान प्रशासन ने कोविड 19 मरीजों को लेकर बनी गाइड लाइन का पालन नहीं किया। अस्पताल में एक कोरोना लक्षणों वाला रोगी आया जिसकी जानकारी अस्पताल ने पुलिस या जिला प्रशासन को नहीं दी। जिला परिवार कल्याण विभाग के अधिकारी और नोडल अधिकारियों ने इन रिपोर्ट्स पर संज्ञान लिया।

कोरोना पेशेंट को छुपाना पड़ा महंगा

जिला उपायुक्त का कहना है, 'एक मामला सामने आया है कि कलबुर्गी शहर के कुछ निजी अस्पताल उन रोगियों के बारे में जानकारी छिपा रहे हैं जिनमें कोविड-19 के लक्षण हैं। ये मामले हमें समय पर सूचित नहीं किए जा रहे हैं। हमने इन अस्पतालों के रिकॉर्ड की जांच की और पाया कि अस्पताल प्रशासन अंतिम समय तक कोविड पेशेंट की जानकारी छुपा रहा। ऐसा ही एक केस बहमनी अस्पताल में आया। जिन्होंने कोरोना पेशेंट की जानकारी नहीं दी। अब उनके खिलाफ एक्शन लिया गया है। इनके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

स्वास्थ्य कर्मियों को किया जा रहे परेशान

उन्होंने आगे कहा कि दो नए मामले 8 अप्रैल को सकारात्मक और रिपोर्ट किए गए। एक व्यक्ति ने संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया क्योंकि वह सांस के रोग से पीडि़त था। जिला उपायुक्त ने सभी से लॉकडाउन प्रतिबंधों का सख्ती से पालन करने की अपील की और कहा किसी भी कीमत पर धारा 144 का उल्लंघन न करें। मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) पर हमलों के बारे में बोलते हुए शरथ ने कहा, "कुछ स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, जिन्हें एक कार्य दिया गया है। स्वास्थ्य की स्थिति को सत्यापित करने के लिए घर-घर जाकर परेशान किया गया। उन्हें यह कहते हुए परेशान किया गया कि वे एनआरसी और एनपीआर के लिए डेटा एकत्र करने के लिए आए हैं।'

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