नगर निगम में विकास कार्य पटरी पर आने से पहले नगर आयुक्त की विदाई

फीरोजाबाद: नगर आयुक्त राम औतार रमन महज 105 दिनों के ही मेहमान रहे। शनिवार को उनके तबादले की खबर से नगर निगम में मायूसी छा गई। कोई कुछ समझ नहीं पा रहा है कि आखिर इतने क समय में उनका तबादला कैसे हो गया? आखिर क्या वजह रही कि तबादला हो गया। न कोई राजनीतिक मुद्दा ऐसा सामने आया जिसकी परिणति तबादला रहा हो। इसको लेकर संशय के दौर छाए हुए हैं।

चार अगस्त, 2014 को नगर पालिका फीरोजाबाद को नगर निगम का दर्जा मिला। डीएम विजय किरन आनंद प्रशासक बने। डीएम ने पालिका कार्यकाल में हुए करोड़ों के विकास कार्यों की जांच कराई तो बड़ा घोटाला सामने आया था। ठेका सफाई कर्मचारियों के अनियमित ठेकों में डीएम ने कई अधिकारियों व ठेकेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। विकास कार्यों में हुए बंदरबांट और मनमानी से सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो। रामगोपाल यादव भी खफा नजर आए थे। शासन ने नगर आयुक्त के रूप में पीसीएस राम औतार रमन को यहां भेजा और नौ दिसंबर को उन्होंने नगर निगम में कार्यभार ग्रहण किया। इसके बाद नगर आयुक्त ने अनुभवी कार्यशैली के तहत शहर के विकास की ओर प्रयास किए। स्वकर निर्धारण प्रक्रिया में भी तेजी का प्रयास किया और करीब सवा करोड़ रुपये भी जमा हुए। शहर के विकास को शासन से हाल ही में करीब 40 करोड़ रुपये जारी हुए। इसके बाद नगर आयुक्त विकास कार्य का खाका तैयार कर रहे थे कि शुक्रवार को उनका तबादला हो गया। इसकी खबर शनिवार को लगी तो नगर आयुक्त व नगर निगम अधिकारी व कर्मचारी हैरान रह गए। चर्चाओं का दौर शुरू हो गया, कि आखिर इतने कम समय में तबादला कैसे हो गया? नगर आयुक्त यहां महज 105 दिनों के मेहमान रहे।