तब मैं इलेवन्थ क्लास में थी. हमारी कालोनी में एक नया लडक़ा आया, जिसका एडमिशन मेरी ही क्लास में हुआ.  कभी-कभी काम पडऩे पर हम बात करते थे. धीरे-धीरे मैं उसकी तरफ अट्रैक्ट होने लगी. ऐसा लगता था कि उसके दिल में भी मेरे लिए फीलिंग्स हैं. पर सामने मिलने पर वह कुछ नहीं कहता था. इस तरह एक साल बीत गया.

हम ट्वेल्थ क्लास में आ गए. फिर एक दिन उसके एक  फे्रंड ने क्लास में सबके सामने चिल्लाते हुए मेरे लिए उसकी फीलिंग्स बता दीं. वह टेबल के पीछे छिप गया. जब क्लासेस खत्म हो गईं तो वह मेरे पास आया और शाम को मिलने के लिए कहा. मैं कुछ डिसाइड नहीं कर पाई और मना कर दिया. मेरे मोबाइल पर अकसर एक नंबर से मिसकॉल आने लगी. पता चला कि यह उसी का नंबर था. मुझे उसकी इस हरकत पर बहुत हंसी आई.

अगले दिन मैंने उससे हंसते हुए कहा कि तुम्हारा नाम साइको होना चाहिए. ठीक से प्रपोज करना भी नहीं आता. पहली बार बात करते टाइम ही मिलने की बात करने लगे. यह सुनकर वह भी हंसने लगा. इस तरह से हम दोनों के प्यार का सफर शुरू हुआ. दो साल हो गए इस बात को लेकिन हम दोनों अब भी साथ-साथ हैं.                           

Arpita