करके देखिए, अच्छा लगेगा
इलेक्ट्रिसिटी का बिल प्रॉपर तरीके से जमा करना कोई बहुत बड़ी चुनौती नहीं है। पिछले दिनों सिटी के ही बहुत से लोगों ने ऐसा करके एक बड़ा उदाहरण पेश किया है। पिछले महीने ही गुमटी में रहने वालों ने इलेक्ट्रिसिटी बिल जमा करने में नंबर वन का दर्जा हासिल किया। बड़ी बात ये है कि इस डिवीजन के लोगों ने बिजली का बिल जमा करने के मामले में  इंडस्ट्रियल एरिया वाले दादा नगर डिवीजन को भी पीछे छोडक़र नम्बर वन की पोजिशन हासिल की।

टॉप पर गुमटी, देहली सुजानपुर फिसड्डी
सिटी में केस्को के 18 डिवीजन है। इसमें 74 सबस्टेशन है। लेकिन 18 डिवीजन में से केवल गुमटी और दादा नगर डिवीजन ही ऐसे हैं, जहां 80 से अधिक रेवेन्यू हासिल हुआ। अन्य सभी डिवीजन इससे काफी पीछे रहे। गुमटी के लोग रेवेन्यू देने के मामले में टॉप पर रहे तो देहली सुजानपुर डिवीजन के लोग सबसे फिसड्डी रहे। इस डिवीजन से केस्को को इलेक्ट्रिसिटी बिल के रूप में 61 परसेंट ही रेवेन्यू हासिल हुआ। कुछ इसी तरह का हाल किदवई नगर और कल्याणपुर डिवीजन का रहा। जहां केस्को को 65 परसेंट भी रेवेन्यू हासिल नहीं हुआ।

5 अरब बकाया
एक हजार रूपए से अधिक एरियर वाले इलेक्ट्रिसिटी कनज्यूमर्स की संख्या 103591 है। इन पर केस्को का 5,28,01,77,042 रूपए बकाया है। यही वजह है कि केस्को, यूपीपीसीएल के टारगेट के मुताबिक रेवेन्यू वसूल नहीं कर पाता है। हर महीने केस्को टारगेट से बहुत पीछे रहता है। शायद इन्हीं वजहों से केस्को को पॉवर सप्लाई सिस्टम बेहतर बनाने के लिए यूपीपीसीएल से मदद भी नहीं मिलती है। फाइनेंशियल ईयर 2013-14 के 50 करोड़ के बिजनेस प्लान को भी यूपीपीसीएल ने नामंजूर कर दिया था। इसके साथ ही 15 नए सबस्टेशन, दशकों पुराना 6.6 केवी सिस्टम बदलने, इंटरकनेक्टेड सबस्टेशन आदि को लेकर सेंट्रल गवर्नमेंट की एजेंसी के द्वारा बनवाए गए 1300 करोड़ के प्रोजेक्ट को भी लौटा दिया गया है।

इसीलिए खस्ताहाल हो रहा है सिस्टम
एक के बाद एक प्रोजेक्ट कैंसिल होने और बजट की कमी के कारण पॉवर सप्लाई सिस्टम और भी खस्ताहाल होता जा रहा है। जबकि साल दर साल पॉवर लोड बढ़ता जा रहा है। जिसका बोझ अक्सर खस्ताहाल इलेक्ट्रिसिटी लाइन, ट्रांसफॉर्मर, अंडरग्र्राउंड केबल्स नहीं उठा पाती है और ब्रेकडाउन के कारण लोगों को पॉवर क्राइसिस का सामना करना पड़ता है।

हम साथ-साथ है
केवल इलेक्ट्रिसिटी बिल टाइम से जमा करने से ही बात नहीं बनने वाली है बल्कि केस्को को भी बिजली चोरी  व लाइन लॉस रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने पड़ेंगे। क्योंकि सिटी में करीब एक तिहाई बिजली चोरी व लाइन लॉस में ही चली जाती है। जबकि कम से कम 15 से 18 परसेंट तक बिजली की बचत की जा सकती है। जिससे केस्को का हर महीने होने वाला रेवेन्यू लॉस सीधे तौर पर प्रॉफिट में बदल सकता है।

ये होंगे फायदे
-टाइम से बिल जमा करने पर सरचार्ज नहीं भरना पड़ेगा।
-आपके टाइम से बिजली का बिल जमा करने से केस्को पॉवर सप्लाई सिस्टम बेहतर कर सकता है।  
-हर साल बढ़ती पॉवर डिमांड के मुताबिक केस्को नए सबस्टेशन, ट्रांसफॉर्मर लगा सकता है।
-डिसकनेक्शन की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
-रेवेन्यू लॉस न होने के कारण बेतुका पॉवर टैरिफ भी नहीं बढ़ेगा।

डिवीजन-कन्ज्यूमर-बिल जमा किए-रेवेन्यू मिला(परसेंट)
गुमटी- 13699- 11511- 84.21
दादा नगर- 7388- 5957- 80.63
सर्वोदय नगर- 25991-20197-77.71
नवाबगंज- 21860-16722-76.50
रतनपुर- 22961-17425-75.89
जाजमऊ- 22186- 16512- 74.43
फूलबाग- 33007- 24345-73.76
गोविन्द नगर- 47234- 34732-73.53
हैरिसगंज- 31898- 22730- 71.26
देहली सुजानपुर- 39531- 23993- 60.69
किदवई नगर- 27765- 17853-64.30
कल्याणपुर- 32832- 21352-65.03
आलूमंडी- 16809- 11048- 65.73
जरीब चौकी- 25730- 17171-66.74
इलेक्ट्रिसिटी हाउस परेड- 22936- 15444- 67.34
नौबस्ता- 43034- 28226-65.59
वल्र्ड बैंक बर्रा- 25724-18012-70.02
विकास नगर- 13507-9467-70.09
टोटल- 474062-332697-70.18
(डेटा-दिसंबर,2013 का है)