श्रीनगर (आईएएनस)। जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा बीते सात माह पहले पब्लिक सेफ्टी एक्ट (Public Safety Act) यानी सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत हिरासत में रखे गए नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता व जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला को आज रिहा किया गया है। उमर की रिहाई के बाद कश्मीर में उनके समर्थकों में खुशी छा गई है। उनके करीबियों में जश्न का माहाैल है। अगस्त में केंद्र सरकार आर्टिकल 370 के प्रावधान खत्म करने के फैसले के बाद से ही उमर अब्दुल्ला को हिरासत में रखा गया था। उमर अब्दुला दो अन्य नेताओं फारुख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के साथ बीते साल अगस्त में हिरासत में लिए गए थे।

महबूबा मुफ्ती और अन्य नेताओं को भी रिलीज किया जाए

वहीं उमर अब्दुल्ला की रिहाई के बाद जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने उनका वेलकम किया। इसके साथ ही उन्होंने डिमांड की कि देश में कोरोना वायरस की वजह से हालात गंभीर है। महबूबा मुफ्ती और अन्य नेताओं को भी रिलीज किया जाए। वहीं बीते 13 मार्च को रिहा हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बेटे उमर की रिहाई पर खुशी जताई। उन्हाेंने भी कहा कि महबूबा मुफ्ती की रिहाई के लिए वह लगातार अपनी आवाज उठाते रहेंगे।

सुप्रीम कोर्ट के सख्त रवैये के बाद रिहाई का कदम उठाया गया

जम्मू-कश्मीर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में उमर की रिहाई पर दायर याचिका के बाद यह कदम उठाया है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला की जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत उनकी हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका पर कहा था अगर उमर को रिहा करना है तो रिहा किया जाए, नहीं तो अगले हफ्ते उनकी बहन सारा पायलट की इस याचिका पर मेरिट के आधार पर सुनवाई की जाएगी।

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