क्या है जानकारी
बता दें कि कोर्ट ने इस मामले में मनमोहन सिंह के साथ हिंडालको कंपनी, कुमार मंगलम बिरला, पीसी पारेख समेत 6 अन्य लोगों को भी सम्मन भेजा है. इसी को 8 अप्रैल को कोर्ट में पेश होना होगा. उल्लेखनीय है कि जिस समय हिंडाल्को कोल ब्लॉक का आवंटन किया जा रहा था, ठीक उस समय मनमोहन सिंह कोयला मंत्री हुआ करते थे.

कुमार मंगलम ने मनमोहन सिंह को भेजा था पत्र
ऐसा बताया जाता है कि उस समय उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला ने पीएम मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर दो कोयला खदान आवंटित करने का विशेष अनुरोध किया था. उधर, बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले को लेकर कसकर फटकार भी लगाई. कोर्ट ने सीबीआई को फटकार इसलिए लगाई क्योंकि उसने कोल आवंटन के मसले पर मनमोहन सिंह से पूछताछ क्यों नही की.

कोर्ट ने लगाई थी सीबीआई को फटकार
मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के ऐसे सख्त रुख के बाद सीबीआई ने पूर्व पीएम से पूछताछ की थी. वैसे सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान  हुए कोल ब्लॉक आवंटन को पूरी तरह से रद्द कर दिया था. बीते दिनों वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी ने यह बात कही थी कि हाल के दिनों में जैसे 1.10 लाख करोड़ रुपये में सिर्फ 19 कोयला खदानों की नीलामी हुई, उससे कैग की रिपोर्ट सच साबित हो गई है. संप्रग सरकार के समय किए गए कोयला खदान आवंटन में कैग ने 1.86 लाख करोड़ रुपये के नुकसान का पूरी तरह से आंकलन किया था.

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