कानपुर (इंटरनेट डेस्‍क)। एक मार्च का दिन टेस्‍ट क्रिकेट के इतिहास में कभी नहीं भुलाया जा सकता। इस दिन साल 1958 में 21 साल की उम्र में पूर्व कैरेबियाई बल्‍लेबाज गैरी सोबर्स ने तिहरा शतक जड़ा था। यह उनके करियर का सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर भी था। वैसे सोबर्स ने इंटरनेशनल क्रिकेट 20 साल तक खेला। मगर सबसे ज्‍यादा चर्चा उस मैच की होती है जो उन्‍होंने 1958 में खेला। तब वेस्टइंडीज टीम भारत दौरे पर आई थी। उस वक्त गैरी सोबर्स विंडीज टीम के धाकड़ बल्लेबाज बन चुके थे। सीरीज का पहला मैच मुंबई के ब्रेबोर्न स्टेडियम में खेला गया। वेस्टइंडीज टीम बैटिंग कर रही थी और गेंद थी भारत के लिए मात्र 2 टेस्ट खेलने वाले गुलाम गार्ड के हाथों में। गुलाम भारत के पहले बाएं हाथ के तेज गेंदबाज थे। उन्होंने जैसे ही सोबर्स को गेंद फेंकी, गैरी डिफेंड करने के चक्कर में गुलाम को कैच थमा बैठे। तब पवेलियन की ओर वापस जाते हुए सोबर्स ने गार्ड को कहा था कि 'तुमने आज ऐसे खिलाड़ी को अरेस्ट किया जो हमेशा चर्चा में रहेगा।' गैरी सोबर्स ने यह बात इसलिए कही थी क्योंकि गुलाम खेल के साथ-साथ पुलिस की नौकरी भी करते थे।

20 साल चला इंटरनेशनल करियर
1936 को बाराबडोस में जन्में सर गैरी सोबर्स वेस्टइंडीज के महान ऑलराउंडर खिलाड़ी रहे हैं। 60-70 के दशक में कैरेबियाई टीम में जिस खिलाड़ी का सबसे ज्यादा खौफ था वो गैरी सोबर्स ही थे। हारे हुए मैच को अकेले दम पर पलटने वाले सोबर्स विश्व के महान ऑलराउंडर माने जाते हैं। टेस्ट में उनका 57.78 का औसत बताता है कि बल्लेबाजी में उन्हें कितनी महारत हासिल थी। बल्लेबाजी के अलावा सोबर्स तीन तरह से गेंदबाजी भी कर लिया करते थे। वह मीडियम पेसर तो थे ही साथ ही लेफ्ट ऑर्म ऑर्थोडॉक्स और चाइनामैन स्टाईल में बॉलिंग करना उनकी खासियत थी। इतने प्रतिभाशाली होने के चलते ही टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने कई मुकाम हासिल किए। रिटायर होने से पहले सोबर्स ने सिर्फ एक वनडे मैच खेला जिसमें उन्होंने एक विकेट भी चटकाया। 20 साल लंबे इंटरनेशनल करियर में सोबर्स ने 93 टेस्ट खेले जिसमें उनके नाम 8032 रन दर्ज हैं। इसमें 26 शतक और 30 अर्धशतक शामिल हैं। वहीं गेंदबाजी की बात करें तो इस दिग्गज खिलाड़ी के नाम 235 विकेट दर्ज हैं।

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