गोवा में फुटबॉल लव

एशिया में फुटबॉल के सबसे पूराने टूर्नामेंट डूरंड कप को होस्ट करने का मौका इस बार गोवा को मिल सकता है. 75 साल बाद अब जा डूरंड कप के वेन्यू में चेंज किया गया और हो सकता है गोवा को इसे होस्ट करने का मौका मिले. वहीं गोवा फुटबॉल असोसिएशन के वाइस प्रेसीडेंट एलविस गोम्स का कहना है कि ऑर्गनाइजर्स को टूर्नामेंट को लेकर दिल्ली से सपोर्ट नहीं मिल रहा है और गोवा में फुटबॉल में फुटबॉस की लोकप्रियता ज्यादा होने के कारण गोवा इस टूर्नामेंट को होस्ट करने के लिए बेस्ट वेन्यू है.

75 साल बाद वेन्यू चेंज

इस टूर्नामेंट का नाम इसके फाउंडर, सर मोर्टीमर डूरंड के नाम पर रखा गया था जो कि उस समय फॉरेन मेंबर थे. इसकी शुरुआत 1888 में शिमला में हुई थी और 1940 में अभी तक इसे दिल्ली में आयोजित कराते आ रहे हैं. हालांकि अब 75 साल बाद इस टूर्नामेंट के वेन्यू में चेंज हो सकता है और गोवा को इसे होस्ट करने का मौका मिल सकता है.

गोवा में फुटबॉल लव

एशिया में फुटबॉल के सबसे पूराने टूर्नामेंट डूरंड कप को होस्ट करने का मौका इस बार गोवा को मिल सकता है. 75 साल बाद अब जा डूरंड कप के वेन्यू में चेंज किया गया और हो सकता है गोवा को इसे होस्ट करने का मौका मिले. वहीं गोवा फुटबॉल असोसिएशन के वाइस प्रेसीडेंट एलविस गोम्स का कहना है कि ऑर्गनाइजर्स को टूर्नामेंट को लेकर दिल्ली से सपोर्ट नहीं मिल रहा है और गोवा में फुटबॉल में फुटबॉस की लोकप्रियता ज्यादा होने के कारण गोवा इस टूर्नामेंट को होस्ट करने के लिए बेस्ट वेन्यू है.

75 साल बाद वेन्यू चेंज

इस टूर्नामेंट का नाम इसके फाउंडर, सर मोर्टीमर डूरंड के नाम पर रखा गया था जो कि उस समय फॉरेन मेंबर थे. इसकी शुरुआत 1888 में शिमला में हुई थी और 1940 में अभी तक इसे दिल्ली में आयोजित कराते आ रहे हैं. हालांकि अब 75 साल बाद इस टूर्नामेंट के वेन्यू में चेंज हो सकता है और गोवा को इसे होस्ट करने का मौका मिल सकता है.

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