- जीएसटी लागू होने के बाद सोने पर 3 प्रतिशत टैक्स से कारोबारी नाराज

- रेट बढ़ने से पहले ही खरीदारी के लिए निकले शहरवासी

- कारोबारियों को गाइडलाइन में राहत मिलने की उम्मीद

मेरठ। देश में जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स)व्यवस्था एक जुलाई से लागू होगी। जिसके बाद सोने की टैक्स दर 3 प्रतिशत हो जाएंगी। अभी सोने पर 2 प्रतिशत की दर से टैक्स लगता है। जाहिर है कि बढ़ी दर लागू होने के बाद सोने की कीमतों में भी इजाफा हो जाएगा। इसकी सीधी मार आम ग्राहक की जेब पर पडे़गी। सोने पर टैक्स बढ़ने से मेरठ के यूपी सर्राफा एसोसिएशन, ऑल इंडिया फेडरेशन समेत अन्य सभी एसोसिएशन जहां काफी नाराज दिखाई दे रहे हैं वहीं शहरवासी भी सोने की कीमतें बढ़ने की स्थिति को भांपते हुए पहले ही खरीददारी पर निकल पड़े है। हालांकि अभी जीएसटी काउंसिल की ओर से गाइडलाइन आनी शेष है। जिसमें कारोबारी राहत मिलने की उम्मीद जता रहे हैं। वहीं गोल्ड की महंगी कीमत का अंदेशा होते ही शहरवासियों खरीदारी में तेजी दिखानी शुारू कर दी है।

सरकार से अपील

जीएसटी काउंसिल की ओर से अभी सोने की बढ़ने वाली दरों की गाइडलाइन बाकी है। ऐसे में एसोसिएशन के वाइस प्रेजिडेंट राजकुमार भारद्वाज का कहना है कि हम अभी सरकार से सोने पर जीएसटी की टैक्स दर लागू करने और गाइडलाइन में राहत देने के लिए एक बार और समीक्षा करने की रिक्वेस्ट कर रहे हैं। 3 प्रतिशत की दर बहुत ज्यादा है इसे कंसीडर नहीं किया जा सकता।

वर्जन

सोने पर जीएसटी दर के लिए सरकार से 2 फीसदी के आसपास रखने की मांग की गई थी, लेकिन 3 प्रतिशत की दर से सर्राफे का संगठित क्षेत्र प्रभावित होगा। इस समय सोने पर 1 फीसदी वैट लगता है और करीब 1 फीसदी उत्पाद शुल्क लगता है लेकिन ज्यादातर सर्राफा कारोबारी सालाना कारोबार की छूट सीमा में आते हैं, ऐसे में वास्तविक दर 1.5 फीसदी ही बैठता है। 3 फीसदी जीएसटी से निश्चित ही सरकार का रेवेन्यू कम होगा।

राकेश प्रकाश अग्रवाल, सर्राफा कारोबारी

जीएसटी लागू होने के बाद अगर सोने पर इसी दर से टैक्स लगता है तो निश्चित ही कस्टमर की जेब का बोझ बढ़ेगा । शुरुआत में तो यह डबल से भी ज्यादा है। इसका इम्पैक्ट अच्छा नहीं जाएगा।

सर्वेश सर्राफ, जनरल सेक्रेटरी

मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन

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वर्जन

जैसे ही पता चला की सोना महंगा हो सकता है मैं तुरंत ही खरीदादारी पर निकल पड़ी। हालांकि यह खरीददारी दो महीने बाद करनी थी। महंगा सोना होने पर सामान कम आता लेकिन अभी बजट के अनुसार उत्पाद ले सकूंगी।

प्रज्ञा शर्मा, शिक्षिका

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पता चला की गोल्ड की कीमत बढ़ सकती है तो खरीददारी कर रही हूं। कीमतें बढ़ जाती हैं तो जेब पर दोगुना भार हो जाता है। बजट कम हो जाता है। मैं पहले से ही तैयारी कर ले रही हूं

आकांक्षा

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सोना तो खरीदना ही था। बाद में खरीदते तो सामान कम आता लेकिन अभी जितना लेना था उतना बजट में ही मिल रहा है। देर करने से कोई फायदा नहीं होता।

ऋचा