नई ग्लोबल कंपनियों का होगा दबदबा
नई ग्लोबल कंपनियों के आने से रोजगार बाजार को और भी ज्यादा बल मिल सकता है। ये कंपनियां मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के साथ-साथ उन क्षेत्रों में भी आ सकती हैं, जिन्हें हाल ही में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए खोला गया है।
जोरदार हायरिंग प्रोग्राम
माईहायरिंगक्लब और जॉबपोर्टल के सीईओ राजेश कुमार ने बताया कि भारत का संगठित क्षेत्र कैलेंडर वर्ष 2016 में लगभग 10 लाख नए रोजगार सृजित करने के लिए तैयार है। इसके साथ ही देश में वेतन वृद्घि और बोनस भी दहाई अंक में रहने की उम्मीद है। माईहायरिंगक्लब के एक ताजा सर्वे के मुताबिक ज्यादातर नियोक्ता 2016 में नियुक्ति योजनाओं को लेकर आशान्वित हैं। यह सर्वे 12 प्रमुख शहरों में 12 औद्योगिक क्षेत्रों की 5,480 कंपनियों के बीच किया गया।
इन क्षेत्रों में मिलेंगे मौके
टाइम्स जॉब्स पोर्टल के रोजगार आउटलुक 2016 सर्वे के अनुसार देशभर में लगभग 60 प्रतिशत नियोक्ता संगठनों ने नियुक्तियों को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया है। यह सर्वे 1,614 नियोक्ताओं पर आधारित है। टाइम्सजॉब्स के सीईओ विवेक मधुकर ने बताया कि सरकार की ओर से डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया कार्यक्रमों पर जोर दिए जाने के बीच 2016 में टेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में श्रमबल की मांग बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने ये भी कहा कि ई-कॉमर्स और स्टार्टअप इस साल बड़ी संख्या में नई नौकरियां देंगे।
7वें वेतन आयोग का भी असर
मानव संसाधन विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि नए साल में कर्मचारियों के वेतन में अच्छी-खासी वृद्घि की जाएगी। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने का असर भी निजी क्षेत्र पर भी पड़ेगा। ग्लोबलहंट के प्रबंध निदेशक सुनील गोयल ने कहा कि 2016 में औसत वेतन वृद्घि 12-14 प्रतिशत रहेगी, जबकि उम्दा प्रदर्शन करने वालों का वेतन 25-30 प्रतिशत बढ़ाया जा सकता है।
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