- शहर की कॉलोनियों की रोड पर खड़े कर दिए जाते हैं बड़े वाहन

- नो एंट्री के बाद भी एंट्री लेते हैं लोडेड वाहन, पब्लिक परेशान

- सख्ती से किए जाएं नियमों के पालन तो मिल सकती है समस्या से निजात

GORAKHPUR: हाईवे के दोनों किनारों पर तो आपने अक्सर ही बड़े वाहनों की लंबी कतार देखी होगी, लेकिन अपने गोरखपुर में तो कॉलोनियों में भी यही नजारा है। बुधवार को आई नेक्स्ट टीम ने जब अपने शहर की ट्रैफिक व्यवस्था का रिएल्टी चेक किया तो पता चला कि नो एंट्री प्वाइंट पर ही सारी गड़बड़ी हो रही है। मोहल्लों की रोड पर बड़े वाहनों का कब्जा है और लोग परेशान हैं कि चलें कहां? यदि नो एंट्री प्वाइंट पर ही बड़े वाहनों को रोक दिया जाए तो कॉलोनियों के लोगों को इस तरह की समस्या से दो-चार नहीं होना होगा। साथ ही कॉलोनियों में पुलिस की गश्त टीम भी इन पर नजर रख सकती है।

स्पॉट वन - पैडलेगंज (मोहद्दीपुर रोड)

यहां धड़ल्ले से बड़ी गाडि़यां आ जा रही थीं। पुलिस वाले भी बेखबर थे। नो एंट्री के बाद भी ट्रकों की एंट्री हो रही थी। एक ड्राइवर ने ट्रक को रोड के किनारे ही खड़ा कर दिया। जबकि वहीं पास में एक सिपाही तैनात दिखा। रास्ते पर ट्रक खड़ा कर दिए जाने से रोड छोटी पड़ गई और आने-जाने वाले लोगों को दिक्कत हो रही थी।

स्पॉट टू - मिर्जापुर

यहां से आई नेक्स्ट टीम मिर्जापुर पहुंची, वहां भी यही स्थिति नजर आई। सड़क के दोनों ओर गाडि़यों की लंबी लाइन लगी थी। इनके बीच में काफी कम चौड़ी रोड बच गई थी। जिस पर एक बार में सिर्फ एक ही गाड़ी गुजर सकती थी। इस वजह से आसपास गाडि़यों की कतार लगी रही और लोगों को जाम के झाम से जूझना पड़ रहा था।

स्पॉट थ्री - लालडिग्गी

आई नेक्स्ट टीम थोड़ा आगे बढ़ी तो लालडिग्गी के पास भी हालात सही नहीं दिखे। सड़क के दोनों तरफ ट्रक लगे हुए थे, जिसके कारण रोड गली बन गई थी। काफी कम जगह बच जाने के कारण एक साइड से गाड़ी अंदर आ रही थी, तो दूसरी तरफ लोग रुककर उनके क्रॉस कर जाने का वेट कर रहे थे। यह सिलसिला जारी रहा। इस वजह से लोगों को दिक्कत हो रही थी।

स्पॉट फोर - हाबर्ट बंधा

वहीं टीम ने जब हाबर्ट बंधे का रुख किया तो वहां भी हैवी गाडि़यां खड़ी नजर आई। यहां जाम की स्थिति तो नहीं थी, लेकिन हैवी व्हीकल की एंट्री व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे थे। थोड़ी ही दूर में करीब आधा दर्जन से ज्यादा ट्रक खड़े नजर आ रहे थे, जबकि प्रशासनिक जिम्मेदारों ने हैवी व्हीकल की एंट्री पर काफी पहले से रोक लगा रखी है। वहीं बैरिकेडिंग की भी व्यवस्था कर रखी है, बावजूद गाडि़यों की एंट्री जारी है।

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कॉलिंग

यहां के व्यापारी ही नो एंट्री को बढ़ावा दे रहे हैं। थोड़ा सा पैसा बचाने के लिए वह ट्रांसपोर्ट नगर को शिफ्ट ही नहीं होने दे रहे हैं, जिसकी वजह से गाडि़यां अंदर आ रही हैं और लोगों को जाम की मुसीबत झेलनी पड़ रही है।

- बैजनाथ

व्यापारी अगर चाह लें तो ट्रकों की एंट्री नहीं होगी। मगर अगर वह मंडी को वहां शिफ्ट कर देंगे तो उन्हें वहां से माल मंगवाने के लिए एक्स्ट्रा पैसे खर्च करने पड़ेंगे। यही वजह है कि वह शिफ्टिंग का विरोध कर रहे हैं।

- अजय

जब तक पूरी मंडी और ट्रांसपोर्टनगर शिफ्ट नहीं होगा, बड़ी गाडि़यों की एंट्री नहीं बंद हो पाएगी। शिफ्टिंग प्रॉसेस को तेज करना होगा, वहीं गाडि़यों की एंट्री के लिए पुलिस को सख्त होना पड़ेगा।

- राघवेंद्र पांडेय

पुलिस की मिलीभगत से हैवी व्हीकल धड़ल्ले से शहर में घुस जाते हैं। दिन में ही सड़क के बीच में गाड़ी खड़ी होने से जाम की कंडीशन पैदा हो जाती है। इसके लिए जिम्मेदारों को सख्ती करनी होगी।

- मोहनलाल

योजना तो बनी लेकिन अमल नहीं हुआ

शहर को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए साल 2006 में ट्रांसपोर्ट नगर को गीडा में शिफ्ट करने की योजना बनी थी। मगर इस पर आज तक अमल नहीं हुआ। योजना बनने के बाद कभी अधिकारी बदल गए, तो कभी योजनाएं ठंडे बस्ते में चली गई। कमिश्नर से लेकर डीएम तक सिर्फ ट्रांसपोर्ट नगर शिफ्ट करने को लेकर नई तारीख देते रहे, लेकिन ट्रांसपोर्ट नगर की शिफ्टिंग गीडा नहीं हो सकी। इसके बाद डीएम ने सर्विस लेन पर बैरीकेडिंग करने का आदेश दिया। मगर व्यापारियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। जिससे डीएम के निर्देश के बाद भी बैरिकेडिंग नहीं लग पाई। इस बीच शिफ्टिंग प्रॉसेस तो शुरू हो गई, लेकिन इसके बाद भी कुछ दुकानें मौजूद होने की वजह से भारी गाडि़यों की एंट्री पर बैन नहीं लग सकी।

यहां अक्सर लगता है जाम

खजांची चौराहा

टीपी नगर

साहबगंज

पैडलेगंज

पांडेयहाता