कानपुर (ब्यूरो)। ट्रैफिक जाम, कानपुराइट्स के लिए यह कोई समस्या नहीं बल्कि उनकी जिंदगी का हिस्सा बन चुका है। शहर की नियति बन गया है। क्योंकि सालों से इस समस्या से निपटने के लिए कई योजनाएं बनीं, टेक्नोलॉजी का यूज किया गया, स्पेशल अधिकारी नियुक्त किए गए। वनवे, डायवर्जन लागू हुए लेकिन हालात नहीं बदले। घर से निकले तो जाम से मुलाकात तय है। लेकिन इन दिनों गर्मी अधिक है, टेम्प्रेचर ४० डिग्री पहुंच रहा है, ७० परसेंट पुलिस चुनाव कराने गई है, इसलिए ज्यादातर चौराहे रामभरोसे ही चल रहे हैं। तभी तो आम पब्लिक तो जाम का सामना कर ही रही है मंगलवार को पुलिस कमिश्नर खुद जाम में फंस गए थे। इसके बाद जाम से निपटने को फुल प्रूफ प्लान बनाया गया। वेडनेसडे को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने शहर के मुख्य चौराहों पर फुल प्रूफ प्लान का रियलिटी चेक किया तो असलियत सामने आ गई। आप भी देखिए कैसे मिले हालात।

चौराहा : रेव मोती चौराहा
हालात लाइव : सुबह का समय, कुछ लोग ऑफिस के काम से निकले और कुछ ऑफिस के लिए। देर हो जाए तो ई-रिक्शा और ऑटो वालों की बला से। चौतरफा जाम। आपसी विवाद और इसे निपटाने वाला कोई नहीं क्योंकि पुलिस गई है इलेक्शन कराने। ई-रिक्शा, ऑटो और टैैम्पो वालों को खुली मनमानी का लाइसेंस मिल गया। इस चौराहे पर कोई पुलिसकर्मी नहीं दिखाई दिया।
क्या किया जाए: स्थानीय लोगों के मुताबिक ई रिक्शा, ऑटो और टैम्पो का स्टैण्ड खत्म हो जाए तो जाम से मुक्ति मिल सकती है।

चौराहा : फजलगंज
हालात लाइïव : भरी दोपहर चौराहे पर ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए तैनात महिला ट्रैफिक पुलिसकर्मी और दो होमगार्ड एक कोने में छाया में खड़े होकर मोबाइल चलाने में व्यस्त थे। न तो गोविंद नगर की तरफ जाने वाला रास्ता साफ दिखा और न ही जेके मंदिर की तरफ जाने वाला। १७० सेकेंड की रेड लाइट पर धूप में खड़े कानपुराइट्स को जब ६५ सेकेंड का समय निकलने के लिए मिला और पैसेज क्लियर न हो तो गुस्सा तो लाजिमी है, लेकिन फिक्र किसे है? इरीटेट होइ और सिस्टम को कोसते हुए अपने रास्ते पर बढ़ते चलिए।
क्या किया जाए : स्लिप वे क्लियर कराकर पैसेज क्लियर रखें, जिससे जाम लगने के हालात सुधर सकते हैैं।

चौराहा : जरीब चौकी
हालात लाइïव : एक ट्रैफिककर्मी चौराहे से वाहन निकलवाता दिखा तो एक महिला ट्रैफिक कर्मी रेलवे की चौकी के पास छाया में आराम करती दिखी। पास ही एक होमगार्ड उनकी हां हुजूरी करती दिखी। चौराहे पर कैमरा देखा तो तुरंत एक्शन में आ गईं। पहले रावतपुर जा रहे टैम्पो हटवाए। फिर सीसामऊ की तरफ जाने वाला ट्रैफिक हटवाया उसके बाद कुछ देर रेलवे क्रॉसिंग की तरफ का ट्रैफिक हटवाया, फिर न जाने कहां गुम हो गईं। ई रिक्शा, ऑटो और टैैम्पो की अराजकता की वजह से जाम दिखा।
क्या किया जाए : चौराहों पर खड़े वाहनों को सख्ती से हटवाया जाए, जिससे जाम से मुक्ति मिल सके।

चौराहा : अफीम कोठी
हालात लाइव : खलवा पुल की और जाने वाला रास्ता बंद है, लिहाजा गलत साइड से आते हुए रिक्शे वाले दिखाई दिए जो दो कुंतल से ज्यादा लोहा लादे थे। इनकी वजह से ट्रैफिक अवरुद्ध हो रहा था। यहां मौजूद लोगों ने बताया कि स्लिप वे टूटा है, इसके बाद इस पर कब्जा करके रखा गया है, जिसकी वजह से इस रास्ते जाने वाला ट्रैफिक मुख्य सडक़ से जाता है। इस सडक़ पर गलत दिशा से भी वाहन आते है और जरीब चौकी की तरफ से भी, बस जाम लगना तो तय है। चौराहे पर न तो कोई पुलिसकर्मी नहीं दिखा।
क्या किया जाए : रांग साइड से आने वालों को रोका जाए और पैसेज क्लियर किया जाए।

चौराहा : टाटमिल
हालात लाइïव : झकरकटी पुल उतरते ही जाम से लोगों को जूझना पड़ता है। आधे पुल से ही रोडवेज बसें खड़ी होना शुरू हो जाती हैं। उसके बाद बस अड्डे से निकल कर आने वाली बसें काफी समय तक रुककर जाम के हालात बना देती हैं। अवैध रूप से लगी शिकंजी, कोल्डड्रिंक और पानी की दुकानें जाम को और लंबा करने में मदद करती हैं। घंटाघर जाने के स्लिप वे तक व्हीकल ओनर नहीं पहुंच सकता क्योंकि गाडिय़ां बेतरतीब खड़ी होती हैैं। रामादेवी की तरफ जाने में सडक़ पर डिवाइडर के सहारे खड़े लोग और उन्हें बिठाती रोडवेज बसें जाम लगाने का काम करती हैं। किदवई नगर जाने वाले स्लिप वे पर ई-रिक्शा और ऑटो वालों ने कब्जा कर रखा है।
क्या किया जाए: रोडवेज विभाग के साथ बैठक कर एक-एक बस छोड़ी जाए, सवारी बस अड्डे के अंदर भरी जाएं और अतिक्रमण हटाया जाए।

चौराहा : एमजी कॉलेज
हालात लाइïव : स्कूल की छुट्टïी हो चुकी है। सडक़ पर बच्चों को घर ले जाने वाले पैरेंट्स के वाहन, ई रिक्शा, स्कूल वैन, हाथ रिक्शा और लगभग आधा किलोमीटर आगे और पीछे तक वाहन खड़े हैैं। इसी वजह से जाम के हालात बने रहते हैैं। स्कूल से निकलकर एक बच्चा रिक्शे में पहुंच गया, अब रिक्शे वाला दूसरे का इंतजार कर रहा है। इसके बाद दो और आ गए और आखिर रिक्शा भर ही गया। कुछ ज्यादा समय तक रिक्शे के खड़े होने की वजह से रास्ता रुका और जाम लग गया। इस चौराहे पर एक ट्रैफिक सिपाही जाम को हटवाता तो दिखा लेकिन गर्मी ने उसे भी पसीना पसीना कर दिया।
क्या किया जाए : बच्चों को लेने आने वाले वाहनों को चौैराहा पार करके खाली स्थान पर खड़ा कराया जाए।