कंवर्जेंस बिल के लिए बनी कमेटी
गवर्नमेंट सोर्सेज के मुताबिक टेलीकॉम डिमार्टमेंट कई स्तरीय संचार, आईटी व मल्टीमीडिया के लिए एक सुपर रेग्युलेटर सिस्मट के ढांचे के पर विचार कर रहा है. कम्युनिकेशन कन्वर्जेंस बिल के ढांचे पर विचार के लिए एक कमेटी बनाई गई है. सबसे पहले इस बिल का ड्राफ्ट बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के कार्यकाल में 2000 में तैयार किया गया था. लेकिन उस समय ब्रॉडकास्टिंग डिपार्टमेंट को सुपर रेग्युलेटर के दायरे में लाने को लेकर टेलीकॉम और ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्ट्री में मतभेदों की वजह से यह बिल आगे नहीं बढ़ पाया था.

'कमयुनिकेशन कमीशन' बनाने की तैयारी
बिल में सुपर रेग्यलेटर का प्रपोजल है, जिसे कम्युनिकेशन कमीशन कहा जाएगा. इस सुपर रेग्युलेटर के पास सर्टेन राइट्स होंगे. इनमें प्रोसीजर और रेग्युलेटरी  और लाइसेंसिंग कामकाज के अलावा ज्युरीड्रिकिशन का अधिकार भी शामिल है. हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि यह सुपर रेग्युलेटर एक अलग बॉडी होगी या फिर ट्राई के अधिकारों को ही बढ़ाया जाएगा. टेलीकॉम डिपार्टमेंट पार्लियामेंट के विंटर सेशन से पहले बिल का ड्राफ्ट तैयार कर लेगा. पार्लियामेंट के एक सोर्सके मुताबिक, ''हम कम्युनिकेशन सुपर रेग्युलेटर के गठन के लिए काम कर रहे हैं. इसका तौर-तरीका अभी तय किया जाना है. इसके लिए दो तरीके हैं - या तो ट्राई का अधिकार बढ़ाया जाए या फिर नई बॉडी का गठन किया जाए.''

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