नई दिल्ली (पीटीआई)। सरकार ने सोमवार को असम के खूंखार विद्रोही समूहों में से एक नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोरोलैंड (एनडीएफबी) के साथ ऐतिहासिक त्रिपक्षीय शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए। बोडोलैंड राज्य के लिए एक आंदोलन की अगुवाई करने वाला ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (एबीएसयू) ने भी शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, एनडीएफबी, एबीएसयू के चार गुटों के शीर्ष नेतृत्व, गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव सत्येंद्र गर्ग और असम के मुख्य सचिव कुमार संजय कृष्ण ने त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसी बीच, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि यह समझौता बोडो मुद्दे का व्यापक समाधान निकालेगा। इसके साथ ही उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक समझौता बताया।

असम सरकार का पूरा समर्थन
वहीं, असम के मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को कहा कि नई दिल्ली में सोमवार को हस्ताक्षरित बोडो शांति समझौते से दशकों पुराने बोडो मुद्दे का "पूर्ण और अंतिम" समाधान होगा। सरमा ने एक ट्वीट में कहा कि बोडो शांति समझौते को मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व वाली असम सरकार और बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद (बीटीसी) के प्रमुख श्री हाग्रामा मोहिलरी का 'पूरा समर्थन" है। इसके साथ उन्होंने उन सभी को धन्यवाद दिया, जिन्होंने 'ऐतिहासिक' समझौते को संभव बनाया, सरमा ने आगे कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आशीर्वाद' और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के 'नेतृत्व' के साथ हस्ताक्षर किए गए हैं।

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