एनजी-पीएनजी के दाम भी कम

नेट कैलोरिफिक वैल्यू के आधार पर 1 अक्टूबर से लेकर 31 मार्च, 2016 तक के लिए प्राकृतिक गैस की कीमत 5.18 डॉलर प्रति यूनिट से घटाकर 4.24 डॉलर प्रति यूनिट कर दी गई है। इस मामले में 16 प्रतिशत दाम घटाए गए हैं।गैस की कीमत में यह अब तक की सबसे बड़ी कटौती है। इंडस्ट्री के एक मोटे अनुमान के मुताबिक इस फैसले की वजह से सरकार को करीब 800 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान होगा, जबकि ओएनजीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज और गेल जैसी कंपनियों का मुनाफा घटेगा। घरेलू गैस के दाम कम होने से फर्टिलाइजर कंपनियों और गैस आधारित बिजली प्लांटों को सस्ती गैस मिलेगी। प्राकृतिक गैस सस्ती होने की बदौलत सीएनजी-पीएनजी के दाम भी कम होंगे। सीएनजी के दाम 35 रुपए तक घट सकते हैं।विश्लेषकों के मुताबिक गैस की कीमतें घटने का अंदाजा पहले से था। ग्लोबल मार्केट में गैस की कीमतें घटने के कारण घरेलू बाजारों में भी दाम 10-15 फीसदी घटने का अनुमान था।

गैस के दाम घटाए जाने का ऐलान

गैस सस्ती होने के कुछ नुकसान भी हैं। मसलन, एक्सप्लोरेशन (खोज) गतिविधियां और विस्तार प्रोजेक्ट्स कुछ समय के लिए टाले जा सकते हैं। तेल-गैस एक्सपर्ट नरेंद्र तनेजा का कहना है कि गैस के दाम घटाए जाने का ऐलान का इंतजार पहले से था। ओनजीसी पर इस खबर का थोड़ा असर होगा। सरकार डीप वॉटर गैस ब्लॉक के लिए अलग नीति लाने की योजना पर काम कर रही है, जिसके बाद गैस क्षेत्र की स्थिति अलग होगी। बहरहाल, अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैस की कीमतें लगातार घट रही हैं, ईरान और मिस्र गैस के नए उत्पादक बनकर उभर रहे हैं। ये देश भारत के नजदीक हैं, लिहाजा इनसे गैस आयात की जा सकती है। तंजानिया और सोमालिया जैसे देशों से भी गैस सप्लाई हासिल की जा सकती है। इन सभी देशों की गैस भारत लाई जा सकती है।

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