-जापानी बुखार, चमकी और मस्तिष्क ज्वर को देखते हुए सरकार अलर्ट

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PATNA: मुजफ्फरपुर में इंसेफेलाइटिस से करीब दो दर्जन बच्चों की मौत होने के बाद राज्य सरकार अलर्ट मोड में आ गई है. बिहार के कई हिस्सों में इस बीमारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सात बड़े अस्पतालों में बच्चों के लिए स्पेशल आइसीयू (पेडियाट्रिक्स आइसीयू)की शुरुआत कर दी है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई आधिकारिक जानकारी के अनुसार बिहार में मस्तिष्क ज्वर (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) की बीमारी सर्वाधिक मुजफ्फरपुर और जापानी इंसेफेलाइटिस की बीमारी गया जिले में होती है.

मस्तिष्क ज्वर और चमकी बीमारियां गर्मी शुरू होने और तापमान बढ़ने के साथ प्रारंभ होती है और बरसात

के साथ ही लगभग समाप्त होने लगती है. जबकि जापानी इंसेफेलाइटिस नामक बीमारी बरसात के साथ शुरू होती है और जाड़े के मौसम में खत्म होती है.

रात को बच्चों को खाली पेट न सुलाएं

स्वास्थ्य विभाग ने आम लोगों को इन बीमारियों से बचाने के लिए कई एहतियाती कदम उठाने की अपील की है. अपील में कहा गया है कि बच्चों को धूप से बचाएं. बच्चों को रात को खाली पेट न सोने दें. सोने के वक्त बच्चों को नींबू पानी, शक्कर अथवा ओआरएस का घोल पिलाएं. चमकी बुखार होने की स्थिति में शारीरिक और मानसिक संतुलन में कमी आ जाती है. बच्चे में यदि ऐसे कोई भी लक्षण देखें तो उन्हें तत्काल पास के अस्पताल में लेकर जाएं.

222 स्वास्थ्य केंद्रों पर जरूरी सुविधाएं उपलब्ध

इन बीमारियों से आम लोगों को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के 12 जिलों के 222 स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक दवाएं और उपकरण मुहैया कराए हैं. इसके साथ ही करीब 29 जिलों के 445 एमबीबीएस डॉक्टरों को इन बीमारियों के इलाज से जुड़ा प्रशिक्षण दिया गया है. पहली बार सरकार ने सात स्वास्थ्य संस्थानों में इन बीमारियों से ग्रसित बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए पेडियाट्रिक्स आइसीयू की शुरुआत कर दी है.

इन जिलों में पेडियाट्रिक्स आइसीयू

जिला - अस्पताल

पटना- पीएमसीएच

दरभंगा- डीएमसीएच

मुजफ्फरपुर- एसकेएमसीएच

गया- एएनएमसीएच

मोतिहारी -सदर अस्पताल

हाजीपुर -सदर अस्पताल

नवादा- अनुमंडलीय अस्पताल रजौली