कैबिनेट से मंजूरी मिलना बाकी
दरअसल भारत सरकार 'नेशनल पॉलिसी फॉर डोमेस्टिक वर्कर्स' नाम का एक ड्रॉफ्ट तैयार कर चुकी है, जिसे बस केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलना बाकी है। इस पॉलिसी में वर्कर्स की सुरक्षा और विकास को ध्यान में रखते हुए उन्हें सोशल सिक्योरिटी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा इस पॉलिसी में वर्कर्स के सेक्सुअल हैरेसमेंट से लेकर उनको अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने तक सभी जरूरतों को पूरा किया जाएगा। इसमें वर्कर्स की छुट्टी को लेकर भी नया नियम-कानून बनाने की बात रखी गई है।

सोसाइटी में मिले पहचान

रिपोर्ट के मुताबिक, यह ड्रॉफ्ट डॉयरेक्टर जनरल लेबर वेलफेयर (DGLW) द्वारा लेबर मिनिस्टर बंडारू दात्रेय को सौंप दिया गया है। दात्रेय का कहना है कि, घरेलू नौकरों पर हो रहे अत्याचार और भेदभाव को लेकर एक नियम लागू किया जाएगा, जिसका मकसद वर्कर्स को सुरक्षा मुहैया कराना है। यह नियम इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन के स्टैंडर्ड का है। इसमें वर्कर्स की मिनिमम सैलरी पर भी जोर दिया गया है, यानी कि मालिकों को अब कम से कम 9,000 रुपये प्रति महीना तनख्वाह देना होगा।

ताकि न हो शोषण
दात्रेय आगे बताते हैं कि, इस पॉलिसी में मिनिमम मंथली वेज को 3 हिस्सों में डिवाइड किया गया है। unskilled, semi-skilled, skilled और highly-skilled, यह 4 तरह की कैटगेरी हैं, जिसमें कि अलग-अलग वेतन निर्धारित किया गया है। वैसे हाईली स्िकल्ड कैटेगरी में कम से कम 9,000 रुपये प्रति महीना सैलरी देने का नियम रखा गया है।

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