नहीं खोला जायेगा लिफाफा
अटर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने अदालत की कार्यवाही की जानकारी देते हुये कहा कि, 'सरकार ने HSBC सभी एकाउंट की लिस्ट सौंप दी है, इसमें 627 नाम हैं. हालांकि कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद लिफाफे को नहीं खोलने का डिसीजन लिया है. इस सुनवाई के बाद कोर्ट ने लिस्ट को एसआईटी के पास आज ही भेजने का निर्देश दिया है. सूत्रों के मुताबिक, लिस्ट में HSBC बैंक की जेनिवा ब्रांच में खाता रखने वाले भारतियों के नाम हैं, जो भारत सरकार को फ्रांस की सरकार से मिले थे.

30 नवंबर तक देनी होगी रिपोर्ट
ब्लैकमनी को लेकर दूसरे देशों से हुई संधि की बात पर कोर्ट ने जिक्र करते हुये कहा, अगर सरकार को कोई समस्या होती है तो वह एसआईटी के पास जाकर बातचीत करें. आपको बताते दें कि सरकार ने संधि को लेकर बताया था कि इसके तहत एकाउंट होल्डर्स का नाम बताना संधि के नियम के विपरीत है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रकार की संधि को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुये सरकार से सभी नामों की लिस्ट ले ली है. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी को भी निर्देश दिया है कि वह 30 नवंबर तक पूरे मामले की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे.

तीन लिफाफ दिये गये

सरकार ने बुधवार को कोर्ट को तीन सीलबंद लिफाफे सौंपे हैं. इनमें से पहले लिफाफे में दूसरे देशों के साथ हुई संधि के कागजात हैं. वहीं दूसरे लिफाफे में विदेशी खाताधारकों के नाम है, जबकि तीसरे लिफाफे में जांच की स्टेटस रिपोर्ट है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इसमें साल 2006 तक की एंट्री है. इसकी वजह यह है कि स्विस बैंक अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी देने से यह कहते हुये इंकार कर दिया था कि ये इनपुट्स चोरी के आधार पर हासिल किये गये हैं. इससे पहले सरकार ने सोमवार को तीन नाम बताये थे. जिसके बाद मंगलवार को कोर्ट की फटकार के बाद केंद्र सरकार विदेशी बैंकों के खाताधारकों की लिस्ट सौंपने को राजी हो गई थी.

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