जयपुर (आईएएनएस)। H3N2 Virus : देश में कोरोना वायरस के बाद एच3एन2 (H3N2) इन्फ्लूएंजा का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। कई राज्य इसकी चपेट में हैं। डाॅक्टर्स के मुताबिक एच3एन2 वायरस बच्चों और बुजुर्गों पर हमला कर रहा है, इसलिए कोविड प्रोटोकॉल का फिर से पालन करने का समय आ गया है। मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना और महामारी के दौरान बनाए गए अन्य सभी नियमों का पालन करना जरूरी हो गया। इस संबंध में राजस्थान में डॉक्टरों का कहना है कि राज्य में मामले बढ़ रहे हैं। कई बच्चे और बुजुर्ग इस वायरस की चपेट में आ रहे हैं और करीब 10 से 12 दिन में ठीक हो रहे हैं। साथ ही, 7 फीसदी बच्चे आईसीयू में भर्ती हैं।

कोविड प्रोटोकॉल करने की जरूरत

एसएमएस कॉलेज के पूर्व प्राचार्य सुधीर भंडारी ने कहा बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने का कारण यह है कि वे अस्वस्थ होने पर भी खेलते रहते हैं। इसलिए कई बार माता-पिता भी शुरुआती दाैर में अनदेखा कर देते हैं और संक्रमण अधिक होने पर ही डॉक्टर के पास जाते हैं। इसलिए उन्हें आईसीयू में ले जाना पड़ जाता है। डाॅक्टर भंडारी ने आगे कहा कि मौसम परिवर्तन के दौरान फ्लू के मामले सामने आए हैं और इस बार, संख्या थोड़ी अधिक है, इसलिए हमें उसी प्रोटोकॉल का पालन करने की आवश्यकता है जिसका पालन हमने कोविड के दौरान किया था। शुरुआती लक्षणों का पता लगाने और डॉक्टर से मिलने की जरूरत है।

बुजुर्गों को गंभीर समस्या हो सकती

स्वयं से उपचार नहीं करना चाहिए। यदि कोई मामूली लक्षणों को अनदेखा करता है तो बच्चों व बुजुर्गों को गंभीर समस्या हो सकती है। बच्चे बीमार होने पर भी लगातार खेलना जारी रखते हैं। लक्षणों की अनदेखी से बच्चों और वयस्कों में निमोनिया का कारण बन सकता है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने कहा कि अब तक एच3एन2 इन्फ्लूएंजा के 50 से अधिक सकारात्मक मामले सामने आए हैं। यह वायरस फ्लू की श्रेणी का है, लेकिन इसका असर कोरोना वायरस की तरह ही होता है। इसे बुखार के साथ फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते देखा जा रहा है। इसलिए कोविड नियमों का पालन कर इससे बचने का प्रयास करें।

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