-हज कमेटी ने अभी तक तय नहीं की है दूसरी किस्त

-सब्सिडी खत्म होने के बाद किस्त बढ़ने के हैं चांसेज

GORAKHPUR: मुकद्दस हज के सफर पर जाने के लिए दूसरी व आखिरी किस्त तय न होने से हज मुसाफिर परेशान हैं। जनवरी में केंद्र सरकार ने हज पर दी जाने वाली सब्सिडी खत्म कर दी है, ऐसे में हज का सफर महंगा होना तय माना जा रहा है। एक्सप‌र्ट्स उम्मीद लगाए हुए हैं कि 20 से 30 हजार रुपए के बीच लोगों को एक्स्ट्रा अमाउंट पे करना पड़ सकता है। हज पर जाने वाले मुसाफिरों से पहली किस्त के तौर पर 81 हजार रुपए जमा कराए गए हैं। यह हज कमेटी ऑफ इंडिया के खाते में जमा हुए। वहीं, कमेटी ने अब तक दूसरी किस्त तय नहीं की है। गोरखपुर की बात करें तो 339 मुसाफिर मुकद्दस हज के सफर पर जाने के लिए सेलेक्ट हुए हैं और उन्होंने अपनी तैयारी तेज कर दी है।

सब्सिडी खत्म होने से िबगड़ा बजट

यात्री 14 जुलाई से वाराणसी से मक्का के लिए उड़ान भरेंगे। पिछले वर्ष अजीजिया कैटेगरी की बात की जाए, तो इसमें शामिल मुसाफिरों को करीब 2 लाख 10 हजार रुपए अदा करने पड़े थे, जबकि ग्रीन कैटेगरी में आने वाले मुसाफिरों से दो लाख 35 हजार के आसपास की रकम जमा करनी पड़ी थी। गोरखपुर से जाने वाले मुसाफिरों ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है, लेकिन सब्सिडी खत्म होने के बाद वह बढ़ने वाले एक्स्ट्रा पैसे को लेकर टेंशन में हैं और अब दूसरी किस्त के बारे में इंफॉर्मेशन हासिल करने के लिए जगह-जगह दौड़ लगा रहे हैं। हज पर जाने वाले मुसाफिरों का कहना है कि अगर दूसरी किस्त के बारे में पता चल जाए तो उसका इंतजाम किया जाता, क्योंकि रवानगी में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है।

4 के बाद तय होगा रियाल का रेट

दूसरी किस्त तय होने न होने के पीछे जो सबसे बड़ा रीजन सामने आ रहा है, वह रियाल का रेट न तय होना है। इसकी वजह से हज कमेटी के जिम्मेदार दूसरी किस्त में हज पर जाने वाले मुसाफिरों को कितना पैसा जमा करना है, यह तय नहीं कर सके हैं। रियाल के फॉरेन एक्सचेंज रेट को लेकर हज कमेटी ने चार अप्रैल तक बैंक से रेट मांगे हैं, जिसके बाद अगली किस्त तय किए जाने की उम्मीद है।