कानपुर(ब्यूरो)। अगर आप शहर के सबसे बड़े एलएलआर हॉस्पिटल(हैलट) में इलाज के लिए भर्ती होना चाहते हैं तो नर्स का इंतजाम जरूर कर लें. क्योंकि जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध सभी अस्पताल नर्सेस व पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी से जूझ रहे हैं. इसके बावजूद नर्सिंग स्टाफ बढऩे की बजाय और कम हो गया है. वजह यह कि नर्सेस का प्रमोशन होने के बाद हेल्थ डिपार्टमेंट ने 47 नर्स का ट्रांसफर कर दिया है. सवाल ये है कि इतने कम नर्सिंग स्टाफ में 1700 बेड पर मरीजों का इलाज अब और भी मुश्किल हो जाएगा.

20 परसेंट रहतीं छुट्टी पर
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में जहां रोज हजारों की संख्या में मरीज इलाज कराने आते हैं और सैकड़ों मरीज भर्ती होते हैं. इसके बाद भी यहां नर्सिंग स्टाफ की भारी कमी है. संस्थान की ओर से स्टाफ की कमी की भरपाई करने के लिए शासन को कई बार अवगत कराया जा चुका है. मेडिकल कॉलेज में संचालित ट्रामा सेंटर के लिए भी संविदा पर नर्सेस के 30 पद है,लेकिन इन पर भर्ती नहीं हो पा रही है. जबकि 150 नर्से आउटसोर्सिंग पर रखी गई है,लेकिन उनमें से 20 परसेंट आमतौर पर छुट्टी पर रहती हैं.

मरीजों के इलाज में दिक्कत
एलएलआर व संबद्ध अस्पतालों में कुल 1700 के करीब बेड हैं. जिसमें कई आईसीयू, एनआईसीयू, एचडीयू के बेड भी हैं. इसके अलावा वार्डों में मरीजों के इलाज व उन्हें समय पर दवा लगाई जा सके. यह जिम्मेदारी नर्सेस की ही होती है,लेकिन अब जब नर्सों की इतनी कमी हो गई है. ऐसे में मौजूदा नर्सों पर ही लोड बढ़ गया है. ऐसे में मरीजों को समय पर उनकी दवा भी नहीं लग पा रही है. जिसका सीधा असर मरीज के हालत पर पड़ता है.

शासन से मांगा है स्टाफ
एलएलआर अस्पताल के एसआईसी प्रो.आरके मौर्या बताते हैं कि आउटसोर्सिंग पर भी जो नर्सेस काम कर रही है. उन्हें महीने में 26 दिन डयूटी करनी होती है. इसके अलावा 20 परसेंट के करीब नर्सेस रोस्टर के हिसाब से छुट्टी पर रहती हैं. तो कुछ बच्चे की देखभाल, प्रेगनेंसी लीव पर होती हैं. ऐसे में अस्पताल में नर्सेस की जितनी क्षमता है. उसका 75 से 80 परसेंट नर्सें ही असल में काम कर रही होती हैं. अस्पताल में पहले ही स्टाफ नर्सों की कमी रही है. अब हेल्थ डिपार्टमेंट ने अस्पताल में काम करने वाली अपनी 47 नर्सेस का प्रमोशन करने के बाद दूसरे जिलों में ट्रांसफर कर दिया है .जिससे मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है. शासन को इस बाबत जानकारी दी गई और स्टाफ भी मांगा है.

फैक्टफाइल-
167- रेग्युलर स्टाफ नर्स एलएलआर व संबद्ध अस्पतालों में
128- स्टाफ नर्स ही इनमें से काम पर आ रही
47- स्टाफ नर्स का प्रमोशन के बाद अलग अलग जगहों पर ट्रांसफर
150- नर्सेस काम करती आउटसोर्सिंग पर
30- स्टॉफ नर्सो की ट्रामा सेंटर के तहत संविदा पर भर्ती लटकी हुई
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नर्सेस की यहां पर जरूरत-
इमरजेंसी, आईसीयू, एनआईसीयू, एचडीयू,डायलिसिस यूनिट,लेबर रूम, 24 ओटी में,पीओपी वार्डों में,इनडोर वार्डों में मरीजों की केयर के लिए.
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नर्सेस की यह है डयूटी-
- बीएचटी में डॉक्टर की लिखी दवा को समय पर मरीज को लगाना, मरीज का बीपी, शुगर पर नजर रखना, इमरजेंसी में पेशेंट को वीगो, ड्रिप लगाना,ओटी को तैयार करना, वार्डों में मरीजों को चादर और कम्बल का इंतजाम कराना, अगर वार्ड में दवा नहीं है तो स्टोर में इंडेंट भेज कर उसका इंतजाम कराना.