कानपुर (इंटरनेट डे़स्क) । गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः। इस श्लोक का अर्थ है- गुरु ही ब्रह्मा है, गुरु ही विष्णु है, गुरु हि शंकर है; गुरु हि साक्षात् परब्रह्म(परमगुरु) है; उन सद्गुरु को प्रणाम। टीचर और स्टूडेंट के बीच एक खास रिश्ता होता है। शिक्षक अपने छात्रों को जीने का तरीका सिखाते हैं और उन्हें भविष्य में जीवन में आने वाली तमाम कठिनाईयों का सामना करना सिखाते हैं। यदि स्टूडेंट को अपने शिक्षक पर पूरा भरोसा हो तो वह अर्जुन जैसा धनुर्धर भी बन सकता है। आज के इस आधुनिक युग में फिल्मों के माध्यम से स्टूडेंट-टीचर के बीच बॅान्डिग को दर्शाया गया है।

सुपर 30
यह फिल्म बॅाक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई। इस फिल्म में एक शिक्षक और उसके छात्रों के बीच के अद्भुत रिश्ते को दर्शाया गया है। फिल्म की कहानी 'सुपर 30' बैच के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसमें छात्र आईआईटी की परीक्षा पास करना चाहते हैं और आनंद अपने छात्रों की मदद के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगाने से भी नहीं हिचकिचाते और आखिर में वह कामयाब होते हैं ।

हिचकी
अध्यापक के कई रुप होते हैं, इस फिल्म में एक महिला टीचर का बेहतरीन किरदार दर्शाया गया है। जिसके मुख्य किरदार के रुप में रानी मुखर्जी नजर आती हैं। फिल्म में महिला टीचर का अपने छात्रों के साथ एक बहुत ही खास बंधन है। फिल्म में एक शिक्षिका की भूमिका निभाने वाली रानी मुखर्जी खुद एक गंभीर मुद्दे से निपटने के बावजूद अपने छात्रों को उस स्तर तक ले जाने की पूरी कोशिश करती हैं, जहां दुनिया उनके आगे झुक जाए।

तारे जमीं पर
इस फिल्म में आमिर खान मुख्य किरदार में नजर आये। तारे जमीं पर फिल्म में टीचर (आमिर खान) और स्टूडेंट (दर्शील सफारी) के बीच के खूबसूरत कनेक्शन को दिखाया गया है। फिल्म एक ऐसे छात्र के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे पढ़ने-लिखने में समस्या होती है और उसके पिता उसे समय निकालने और उसकी समस्या को समझने के बजाय परिवार से दूर बोर्डिंग स्कूल भेजते हैं। उनके शिक्षक न केवल उनकी समस्या को पहचानते हैं बल्कि उसे संभालने में भी उनकी मदद करते हैं और स्टूडेंट अपने टीचर की उम्मीदों पर खरे उतरते हैं । इस फिल्म को दर्शकों का खूब प्यार मिला और हिट साबित हुई।

इकबाल
अपने स्टू़डेंट के जीवन में आने वाली हर समस्याओं का हल निकालना एक टीचर का कर्तव्य होता है। टीचर के पास हर समस्या का हल होता है। असंभव को संभव बनाना एक शिक्षक की कई प्रतिभाओं में से एक है, और इसी तरह का कुछ नागेश कुकुनूर की फिल्म 'इकबाल' में दिखता है। यह फिल्म मूक-बधिर गाँव के लड़के इकबाल के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे श्रेयस तलपड़े ने निभाया है, जो भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के लिए खेलने के अपने सपने को पूरा करने के लिए विभिन्न बाधाओं को पार करता है। उनका सपना कभी भी साकार नहीं होता अगर कोच नसीरुद्दीन शाह उसके जीवन में सही भूमिका न निभाते।

चक दे इंडिया
2007 में रिलीज हुई चक दे इंडिया उस वर्ष की हिट फिल्मों में से एक है। जो कि भारतीय हॅाकी पर बनी है। कहानी शाहरुख खान द्वारा निभाई गई हॉकी खिलाड़ी कोच के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसने विश्व कप जीतने के लिए भारतीय महिला हॉकी टीम का नेतृत्व किया। लेकिन कोच और खिलाड़ियों के बीच संबंध दर्शाता है कि छात्रों को शिक्षक पर विश्वास करना चाहिए और उसका पालन करना चाहिए क्योंकि वह केवल छात्रों के लिए सबसे अच्छा सोचता है।

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