-हाईकोर्ट ने सुनवाई करने से किया इंकार, विनय बिहारी की याचिका भी खारिज

PATNA: हाईकोर्ट ने गुरुवार को मांझी सरकार को दो-दो झटके दे दिए। उसके दो फैसले जो मांझी सरकार को राहत दे सकते थे, पर फैसला इसके विपरीत आया। बहुमत साबित करने के एक दिन पहले आये इस फैसले के बाद सियासी पलड़े में मांझी खेमा हलका साबित हो सकता है। ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानू सहित चार विधायक अब शुक्रवार की वोटिंग में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। इन विधायकों में राजू सिंह, रविन्द्र राय और नीरज कुमार बबलू शामिल हैं। जस्टिस इकबाल अहमद अंसारी की खंडपीठ ने यह फैसला लिया, जिसे डबल बेंच ने भी यथावत रखा। इन्हें वोटिंग करने के अधिकार को लेकर विकास कुमार मिश्र ने याचिका दायर की थी, जिसपर सुबह में सुनवाई हुई थी।

कमती जा रही है ताकत

जिन चार विधायकों को वोटिंग में हिस्सा न लेने पर रोक लगाई गई है, वो पहले से ही मांझी सरकार के समर्थक बने हुए हैं और उनके लिए अन्य विधायकों का समर्थन जुटाने ले लगे थे। ऐसे में इस फैसले के बाद मांझी सरकार आंकड़ों की ताकत में कम होती जा रही है। दूसरी ओर हाईकोर्ट ने मंत्री विनय बिहारी की भी उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के कार्य करने के तरीके पर सवाल उठाते हुए उन्हें अलग रखने की मांग की थी। चीफ जस्टिस एनएल रेड्डी की खंडपीठ ने याचिका खारिज कर दी।