- हाई कोर्ट ने पूजा-अर्चना का लाइव टेलीकास्ट करने के दिए आदेश

- चारधाम के लिए पेश एसओपी को कुंभ की नकल बताते हुए अस्वीकार किया

NAINITAL: हाई कोर्ट ने पहली जुलाई से चारधाम यात्रा शुरू करने के उत्तराखंड कैबिनेट के फैसले पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने जगन्नाथ की तर्ज पर चारधाम में पूजा-अर्चना का लाइव टेलीकास्ट करने के आदेश सरकार को दिए हैं। साथ ही सात जुलाई तक लाइव स्ट्रीमिंग के लिए किए गए प्रबंधों की जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट को देने को कहा है। यह पहला मौका है जब हाई कोर्ट ने कैबिनेट के निर्णय पर रोक लगाई है।

जनहित याचिका पर सुनवाई

मंडे को चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, सच्चिदानंद डबराल व अनु पंत की कोविड काल में स्वास्थ्य अव्यवस्था और चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई। सुनवाई में सीएस ओमप्रकाश, पर्यटन सचिव दलीप जावलकर, अपर सचिव आशीष चौहान वचुर्अली पेश हुए। महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर व मुख्य स्थाई अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने सरकार की ओर से यात्रा प्रबंधों को लेकर की गई तैयारियों की जानकारी दी। चारधाम यात्रा को लेकर जारी एसओपी के साथ ही करीब 175 पेज का जवाब दाखिल किया गया। कोर्ट ने पेश एसओपी को हरिद्वार कुंभ की एसओपी की नकल करार देते हुए अस्वीकार कर दिया। कहा कि एसओपी में चारधाम के दृष्टिगत हरिद्वार व देहरादून जिले में पुलिस फोर्स की तैयारियां पुख्ता करने का जिक्र किया है, जबकि कैबिनेट ने 25 जून को फैसले में पहली जुलाई से चारधाम आने वाले उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग व चमोली जिलों के निवासियों को आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लेकर दर्शन करने की परमिशन प्रदान की थी। कोर्ट ने कहा कि कुंभ में जारी एसओपी का अनुपालन नहीं किया गया। गंगा दशहरा पर हर की पैड़ी में भारी भीड़ उमड़ी और कोविड प्रोटोकॉल टूटा।

- हाईकोर्ट ने पहली बार कैबिनेट के फैसले पर लगाई रोक

- लोगों का जीवन बचाना चारधाम बोर्ड की नहीं सरकार की जिम्मेदारी है।

- पुजारियों व पुरोहितों द्वारा यात्रा रोकने पर संभावित विरोध के जिक्र पर कोर्ट ने कहा कि हमें धार्मिक भावनाओं का पूरा ख्याल है।

- लाइव टेलीकास्ट को शास्त्र सम्मत नहीं बताने पर कोर्ट ने कहा कि जब धार्मिक ग्रंथ लिखे गए, तब तकनीकी नहीं थी।

- नीम करौली का मेला, जगन्नाथ यात्रा और अमरनाथ यात्रा पर रोक है, लाइव टेलीकास्ट हो रहा है तो चारों धामों में गर्भगृह से लाइव टेलीकास्ट में क्या है दिक्कत।

- इस समय डेल्टा प्लस से हजारों लोगों की जिंदगी बचाना अधिक महत्वपूर्ण है।

- उत्तरकाशी के डीएम की रिपोर्ट में कहा गया है कि चिन्यालीसौड़ में कोविड अस्पताल 31 जुलाई के बाद ही तैयार हो पाएगा। फिर सरकार पहली जुलाई से चारधाम यात्रा क्यों करा रही है।

- रुद्रप्रयाग के अस्पताल में वेंटीलेटर खराब हैं, एंबुलेंस कम हैं और उनमें भी जीवन रक्षा उपकरण नहीं हैं।

- शपथ पत्र में यह भी साफ नहीं है कि चारधाम यात्रा में कुंड में स्नान की अनुमति होगी या नहीं।

- भूस्खलन या आपदा की स्थिति में क्या इंतजाम होंगे, इसका भी जिक्र नहीं है।

- सरकार ने खुद माना है कि चारधाम की सड़कें खराब हैं।

- सरकार ने कहा है कि गुटका व तंबाकू पर कड़ाई से पाबंदी लगाई जाएगी, मगर यह नहीं बताया कि कैसे क्रियान्वयन होगा। - कोर्ट ने कहा कि सरकार ने कांवड़ यात्रा पर भी रोक लगा दी है, इसलिए चारधाम यात्रा पर भी सरकार को व्यापक हित देखना चाहिए।

- कोर्ट पूरे इलाके की नहीं सिर्फ गर्भग्रह से पूजा अर्चना के लाइव टेलीकास्ट की बात कह रही है।

- सुरक्षा की चिंता के लिए सुरक्षा एजेंसियां हैं।