आईबी के अधिकारी कर समझाने का प्रयास

आईबी के अधिकारी बीते कई दिनों से दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट एक लड़की को इस्लामिक स्टेट (आईएस) में शामिल नहीं होने के लिए समझा रहे हैं। वे इस लड़की को यह समझाने में कई सप्ताह से लगे हुए हैं कि आईएस में शामिल होना सही बात नहीं है। 25 वर्षीय इस हिंदू युवती के पिता भारतीय सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल हैं।

ऑस्ट्रेलिया में अध्यययन के दौरान आया बदलाव

एक खबर के अनुसार, दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट यह युवती तीन साल पहले पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया गई थी। वहां रहकर उसने अपनी पढ़ाई पूरी की, लेकिन जब वह वापस अपने घर लौटी तो उसमें परिजनों को काफी बदलाव देखने को मिले। इसके बाद ही वो सर्तक हुए।

पिता ने एनआईए से मांगी मदद

आईबी सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि युवती के पिता ने ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से संपर्क कर अपनी बेटी की संदिग्ध गतिविधियों के बारे में सूचना दी थी। उन्होंने एनआईए से बेटी की काउंसिलिंग करने व उसकी कट्टरता को दूर करने के लिए मदद मांगी है। मामले की जानकारी के बाद से ही एनआईए और आईबी एक-दूसरे के संपर्क में बने हुए हैं।

धर्म परिवर्तन को थी तैयार

आईबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि कुछ माह पहले युवती के पिता ने बेटी के कंप्यूटर पर आईएस से संबंधित कुछ सामग्री देखी। उन्होंने निजी रूप से इसकी छानबीन की तो पता चला कि उनकी बेटी कथित तौर पर आईएस में भर्ती करने वाले लोगों के संपर्क में है। इतना ही नहीं लड़की आईएस में शामिल होने के लिए सीरिया जाने की योजना भी बना रही थी। यह पता चलते ही उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। उन्होंने तत्काल एनआईए से मदद मांगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस हिंदू युवती ने शायद इस्लाम कबूल कर ऑस्ट्रेलिया के रास्ते सीरिया जाने की योजना बनाई थी।

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