नई दिल्ली (आईएएनएस) स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक भारत में नोवल कोरोना वायरस से अब तक 9 लोगों की खबर है। पहली मौत की खबर 12 मार्च को कर्नाटक के कलबुर्गी से आई थी। 76 साल के एक बुजुर्ग की हाइपरटेंशन, अस्थमा और डाइबिटिज की वजह से मौत हो गई थी। परिवार एवं कल्याण मंत्रालय ने बताया था कि वे कोविड-19 पाॅजिटिव भी थे। इसी तरह दूसरी मौत की खबर दिल्ली से आई थी। वहां कोविड-19 पाॅजिटिव एक महिला की 13 मार्च को मौत हो गई थी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि 68 वर्षीय महिला की मौत की वजह डाइबिटिज और हाइपरटेंशन थी। अपने बेटे के संपर्क में आने की वजह से वे संक्रमित हुई थीं। उनका बेटा 5 से 22 फरवरी के बीच स्वीटजरलैंड और इटली घूमकर 23 फरवरी को भारत लौटा था। दुर्भाग्य से उन्हें भी एक पुरुष जो उनका बेटा था उसी से संक्रमण हुआ था।

कोरोना संक्रमित सभी की मौत अन्य बीमारियों से

कोविड-19 से एक अन्य मौत की खबर 22 मार्च को बिहार की राजधानी पटना से आई। इस मरीज को किडनी की बीमारी थी। स्वास्थ्य विभाग ने मीडिया को बताया कि वह मुंगेर के रहने वाले थे और कतर से लौटे थे। महाराष्ट्र में एक ही सप्ताह में कम से कम 4 लोगों की मौत हो गई। सभी बीमार व्यक्ति थे। उनके में 2 की उम्र 63 साल थी जबकि 2 अन्य की उम्र 65 वर्ष थी। एक अन्य व्यक्ति भी 60 साल की उम्र में था। कोरोना से संक्रमित सभी की मौत किसी अन्य बीमारी की वजह से हुई थी। जैसे ब्लड प्रेशर, डाइबिटिज और हार्ट से संबंधित कोई बीमारी। पंजाब में 72 साल के एक व्यक्ति की मौत हो गई। वे इटली होते हुए जर्मनी से पंजाब लौटे थे। सोमवार को 55 साल के एक व्यक्ति कोलकाता में मर गए। वे कोविड-19 पाॅजिटिव थे और हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई थी। 69 साल के एक बुजुर्ग तिब्बती पुरुष जो हाल ही में अमेरिका से लौटे थे उनकी सोमवार को मौत हो गई।

ज्यादातर मरने वालों की उम्र सीमा 50 से 60 के बीच

पश्चिम बंगाल में 57 साल के एक व्यक्ति की मौत हुई थी। आश्चर्यजनक रूप से वह भी पुरुष थे। इन सबमें एक जैसी बात दिखती है कि उनमें से ज्यादातर पुरुष हैं और उनकी उम्र सीमा 50 से 60 साल के बीच है। साथ ही ज्यादातर कई प्रकार की बीमारियों से ग्रसित थे। सिर्फ एक व्यक्ति जो बिहार का था उसकी उम्र अपेक्षाकृत कम थी। ऐसे ही आंकड़े चीन से भी आए हैं, जहां दुनिया में सबसे पहले नोवल कोरोना वायरस से संक्रमण की रिपोर्ट आई थी। दिल्ली एम्स के डाइरेक्टर डाॅ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि चिकित्सा जगत में इन आंकड़ों का अध्ययन किया जा रहा है। आंकड़ों से साफ है कि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों के लिए यह संक्रमण ज्यादा घातक है। आश्चर्यजनक रूप से भारत में भी ऐसा ही हो रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण से भारत में मरने वालों में सभी पुरुष थे, सिर्फ एक महिला थी। डाॅ. गुलेरिया ने कहा कि इस निर्णय पर पहुंचने के लिए अभी और आंकड़ों की जरूरत है।

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