इंटरनेशन क्रिकेट में 100 सेंचुरी लगा चुके सचिन तेंदुलकर एक समय 100वीं सेंचुरी में हो रही देरी से परेशान हो गए थे. जब सचिन ने एशिया कप में बांग्लादेश के अगेंस्ट अपनी सौवीं सेंचुरी जड़ी तो उन्होंने इसका ज्यादा जश्न नहीं मनाया. उस दौर को याद करते हुए कहा कि जब मैंने सेंचुरी पूरी की तो भगवान से सवाल किया था कि इसमें इतना समय क्यों लगा?

बंगलुरु में एक प्रोग्राम के दौरान सचिन ने कहा कि जब मैंने 100वीं इंटरनेशनल सेंचुरी लगाई तो मैं न ही उछला और ना ही खुशी जताई. मैंने भगवान से सबसे पहले यह सवाल किया कि इसमें इतनी देर क्यों लगी? मैंने क्या गलती की? एक अरब लोग इस पल का इंतजार कर रहे थे, इसलिए इसमें इतना वक्त नहीं लगना चाहिए था.

मैं क्रिकेट का भगवान नहीं: सचिन

सचिन के चाहने वाले भले ही उन्हें क्रिकेट का भगवान मानते हों, लेकिन सचिन का कहना है वह भगवान नहीं है क्योंकि वह भी गलती करते हैं. सचिन ने कहा कि मैं क्रिकेट का भगवान नहीं हूं. मैं गलती करता हूं और भगवान ऐसा नहीं करते.

बैटिंग के लगभग सभी रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके तेंदुलकर ने कहा कि जब मैं बच्चा था तो सुनील गावस्कर की तरह बनना चाहता था. जब मैं बड़ा हो रहा था तो मैंने विदेशी क्रिकेटर्स को देखना शुरू किया और विवियन रिचर्ड मुझे पसंद थे. मैं हमेशा इन दोनों महान प्लेयर्स जैसा बनना चाहता था.

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